लोकराज डेस्क
आरएसएस के निष्ठावान विचारक, संगठन के सख्त नेता, बेंगलुरु के ‘सर्वाधिक प्रिय’ सांसद और यूएन में कन्नड़ बोलने वाले पहले व्यक्ति, ये वे उपाधियां हैं जो केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के साथ जुड़ी हैं। सोमवार तड़के बेंगलुरु में उनका निधन हो गया। चुनावी राजनीति में हमेशा अजेय रहे अनंत कुमार दक्षिणी बेंगलुरु लोकसभा सीट से लगातार 6 बार सांसद रहे। वह बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के हमेशा करीब रहे- चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी या लालकृष्ण आडवाणी का दौर रहा हो या फिर अभी नरेंद्र मोदी का दौर। उनके निधन पर बीजेपी के साथ-साथ विपक्ष दलों ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे देश की राजनीति के लिए बड़ी क्षति बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ मंत्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक बुला सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री के निधन पर शोक प्रकट करने और उनके योगदान की प्रशंसा करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। स्थापित परंपरा के अनुसार, मंत्रियों एवं वरिष्ठ नेताओं की याद में कैबिनेट प्रस्ताव पारित करता है। केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे और अनिल माधव दवे के निधन पर भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित किए गए थे।
कुमार का सोमवार तड़के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले कुछ महीनों से फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के सम्मान में देशभर में सोमवार को राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की।केंद्र सरकार केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी करेगी। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, “केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद यह तय किया गया है कि आज पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।”
कर्नाटक सरकार ने सोमवार तड़के केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के निधन पर 14 नवंबर तक तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया। राज्य सरकार ने कुमार के सम्मान में सोमवार को छुट्टी की भी घोषणा की। एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया कि राजकीय शोक के दौरान कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होगा। उसमें कहा गया कि सभी सरकारी भवनों के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कुमार के निधन पर शोक प्रकट करते हुये राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने एक महान दोस्त खो दिया।
कुमारस्वामी ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे परिवारों के बीच दोस्ती राजनीति से परे थी। उन्होंने हमेशा दोस्ती को महत्व और प्राथमिकता दी। उनके निधन से मैंने अपना एक महान दोस्त खो दिया।’’ उन्हें एक “मूल्यों पर चलने वाले नेता” बताते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश में एक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लोगों की सहायता करने की भावना और उनके लिए किये गये कार्यों ने उन्हें बेंगलुरू वासियों की आँखों का तारा बना दिया।