अमरावती : भारत में बनने वाले हर पांच मोबाइल हैंडसेट में से एक अब आंध्र में बनता है और फिलहाल राज्य प्रत्येक महीने 30-35 लाख से ज्यादा फोन का उत्पादन कर कहा है। राज्यपाल ई. एस. एल. नरसिम्हन ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बजट सत्र के पहले दिन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए उन्होंने उद्योग क्षेत्र में राज्य द्वारा की गई तेज प्रगति को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश को हालिया समय में भारत में ग्रीनफील्ड परियोजना में सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेशों (एफडीआई) में से एक को आकर्षित करने पर गर्व है।
राज्यपाल ने कहा, इं़डोनेशियाई पल्प एंव पेपर दिग्गज एशिया पल्प एंड पेपर ग्रुप (एपीपी) 24,500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रकासम जिले के रामयापट्नम में केवल भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया में एक जगह पर बनने वाली सबसे बड़ी कागज मिल स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने हाल ही में विशाखापत्तनम में अक्षय ऊर्जा से संचालित 5जीडब्ल्यू डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए अडानी समूह के साथ एक ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका प्रस्तावित निवेश 70 हजार करोड़ रुपये है।
राज्यपाल ने दावा किया कि बिना केंद्र के समर्थन के आंध्र प्रदेश ने पिछले साढ़े चार साल के दौरान सभी क्षेत्रों में उपलब्धियों हासिल की हैं।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र का रुख समर्थित रहता तो उपलब्धियां और अधिक होतीं। राज्य पुनर्गठन ने हालांकि वित्तीय व अन्य संसाधनों पर जबरदस्त तनाव बनाया लेकिन सरकार की अटल प्रतिबद्धता नेतृत्व द्वारा पूरी लगन से निभाई गई, जिसने मुश्किलों से पार पाने में मदद की।
राज्य विधानसभा और लोकसभा के एक साथ चुनाव से पहले बजट सत्र विधानसभा का अंतिम सत्र हो सकता है। राज्यपाल का अभिभाषण राज्य सरकार के प्रदर्शन पर केंद्रित था और उन्होंने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में किए गए वादों व उस वक्त प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए अन्य आश्वासनों को पूरा करने में विफल रहने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, (संपूर्ण भारत की वृद्धि दर 7.3 फीसदी की तुलना में) राज्य की वृद्धि दर 10.66 फीसदी रही, जो इस अवधि के दौरान देश में सबसे अधिक है जो, केंद्र के समर्थन में कमी और असहयोग के बावजूद सभी क्षेत्रों में राज्य के शानदार प्रदर्शन को चिन्हित करता है।
उन्होंने चिन्हित किया कि कृषि और संबंधित क्षेत्र में 11 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई, जो राष्ट्र की 2.4 फीसदी औसत वृद्धि दर की तुलना में देश में सबसे अधिक है।
राज्यपाल ने कहा, अपने पड़ोसी राज्यों के साथ बराबरी के लिए हमारे नए राज्य ने केंद्र सरकार से वित्तीय और बुनियादी ढांचे के लिए सहायता प्रदान करने के अनगिनत अनुरोध किए लेकिन वह आवाज उनके बहरे कानों तक पहुंची ही नहीं।
उन्होंने कहा, हमारे ऊपर राज्य विभाजन लागू कर दिया गया और हमें कई समस्याएं विरासत में मिलीं। केंद्र का उदासीन रवैया और पीड़ा देने वाला साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि बीते तीन वर्षो में आंध्र प्रदेश में उद्योग व विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि भारत के औद्योगिक विकास से आगे निकल गई है। 2017-2018 में भारत के औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 4.40 फीसदी थी जबकि आंध्र प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.49 फीसदी रही थी।