नई दिल्ली : न्यायमूर्ति एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने तथाकथित धर्मगुरु आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह फैसला तब आया, जब महान्यायवादी तुषार मेहता द्वारा अदालत को यह सूचित किया गया कि इस मामले की सुनवाई सूरत की अदालत में चल रही है और 210 गवाहों की जांच-पड़ताल का अभी भी इंतजार है।
पीठ ने इस मुकदमे में अब निचली अदालत को आगे बढ़ने को कहा है। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अन्य आरोपों के साथ दुष्कर्म और अवैध रूप से प्रसव कराने का आरोप लगाते हुए अलग-अलग शिकायतें दर्ज की थीं।
जोधपुर की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले में आसाराम को पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। वहीं दूसरी तरफ एक किशोरी भी आसाराम पर राजस्थान के जोधपुर के पास मणई गांव स्थित उसके आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा चुकी है।