प्रदीप शर्मा
राजस्थान विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि राजस्थान से अन्य राज्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए. देश में पॉलिटिकल पार्टी में कई बार मतभेद हो जाते हैं. आपकी पार्टी में भी वसुंधरा राजे के शासन में ऐसा हुआ. राजस्थान में फोन टेपिंग को परम्परा नहीं रही, न ही फोन टेपिंग हुई. BJP पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि षड्यंत्र आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का था. कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और मणिपुर में आपने क्या किया? पूरे देश में लोकतंत्र कैसे खतरे में हैं इसकी कोई चिंता आपको नहीं है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वक्तव्य में कहा कि चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. जब भैरों सिंह सरकार को गिराने की साजिश हुई तो मैं राज्यपाल और प्रधानमंत्री के पास गया. आप लोगों में भी कई सरकार को गिराने के खिलाफ थे. वो लोग नहीं चाहते थे क्योंकि ऐसी परंपरा नहीं रही. भाजपा नेता छिपकर दिल्ली गए और रातों-रात जयपुर वापस आ गए. कहते रहे कि मैं तो दिल्ली गया ही नहीं।
गहलोत ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं रही. गहलोत ने बीजेपी पर बरसते हुए कहा, “आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का षड्यंत्र था, सरकार गिराने का षड्यंत्र था, पूरे देश में नंगा नाच चल रहा, देश में लोकतंत्र खतरे में, केवल 2 लोग राज कर रहे हैं, आप लोग बगुला भक्त बन रहे हैं, 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं, मैं आज चिंतित हूं, लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं, राजस्थान का मुखिया होने के नाते यह दायित्व था, भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने का षड्यन्त हुआ था, मैं उस समय पीसीसी चीफ था, मैं पीएम और राज्ययपाल के पास गया, मैंने षड्यंत्र में शामिल होने से इनकार किया, चुनी हुई सरकार को गिराने से इनकार किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी से कहा कि आप लोग कांग्रेस का इतिहास पढ़ो. आपकी आंखें खुल जाएंगी। आप हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले कौन होते हो? इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सदन में बोलने का मेरा अधिकार है. मुख्यमंत्री के वक्तव्य के दौरान विपक्ष ने विरोध जताया।
राजस्थान में पिछले करीब एक महीने से सियासी घमासान जारी था. कांग्रेस से सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राज्य में अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. हालांकि अब सचिन पायलट के साथ कांग्रेस की सुलह हो चुकी है और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास मत भी हासिल कर लिया है।
विधानसभा में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है. ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके बाद कांग्रेस विधायकों में खुशी की लहर देखी गई. वहीं अब राजस्थान में 21 अगस्त तक सदन को स्थगित किया गया है।