नई दिल्ली : अन्ना द्रमुक से दरकिनार किए गए नेता टी.टी.वी. दिनाकरन को एक अंतरिम राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पार्टी के दो पत्ती चुनाव चिह्न् रिश्वत मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में एक निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति सुनील गौर ने यह अंतरिम आदेश दिनाकरन की एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका के संबंध में दिया। अदालत ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ धारा 120बी(आपराधिक साजिश) और 201(सबूतों को मिटाने) के आरोप तय किए थे।
अदालत ने दिल्ली पुलिस से याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को सूचीबद्ध कर दी।
दिनाकरन के सहयोगी सुकेश चंद्रशेखर, टी.पी. मल्लिकार्जुन और बी. कुमार पर भी आपराधिक साजिश और रिश्वत का मामला तय किया गया है, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही है।
अदालत ने इसके अलावा इस मामले में आरोपी नत्थु सिंह ऊर्फ नरेश, ललित कुमार के.शाह, पुलकित कुंद्रा, जय विक्रम हरन और नरेंद्र जैन को रिहा कर दिया। अदालत ने कहा कि गंभीर संदेह के अभाव में, उन पर साजिश रचने के आरोप नहीं लगाए जा सकते।
दिनाकरन अब एक निर्दलीय विधायक हैं और उन्होंने अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम(एएमएमके) का गठन किया है। उनपर वी.के. शशिकला की अगुवाई वाले गुट के लिए दो पत्ती के निशान वाले चुनाव चिह्न् प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देने का आरोप है।
उन्हें इस मामले में 25 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार किया गया था और 1 जून 2017 को जमानत दे दी गई थी। ऐसा माना गया था कि घूस के रूप में 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।