कोलकाता : भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित तनावग्रस्त संदेशखाली इलाके का दौरा किया। यहां भगवा संगठन और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बीच हुई झड़प में कम से कम तीन लोग मारे गए थे।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, संदेशखाली के हाटगाछी इलाके में शनिवार को दोपहर बाद भाजपा के झंडे जबरन हटाए जाने पर झड़प हुई थी।
पुलिस ने अब तक तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के मारे जाने की पुष्टि की है। इनमें दो भाजपा के और एक तृणमूल कांग्रेस का था। दोनों पार्टियां हालांकि आठ कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा कर रही हैं।
राज्य भाजपा के सूत्र ने दावा किया कि तृणमूल समर्थकों के साथ झड़प में भाजपा के पांच पार्टी कार्यकार्ता- प्रदीप मंडल, तपन मंडल, देवदास मंडल और शंकर मंडल की मौत हुई और अन्य 18 लापता हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर तनाव पैदा करने और उसके कम से कम तीन पार्टी कार्यकर्ताओं को मार डालने और दो को नदी में फेंक देने का आरोप लगाया।
घोष सहित राज्य भाजपा के नेता मुकुल रॉय, लॉकेट चटर्जी, शांतनु ठाकुर और जगन्नाथ चटर्जी मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवार से मिले और बशीरहाट अस्पताल में जाकर वहां भर्ती घायल भाजपा कार्यकर्ताओं का हाल जाना।
घोष ने आईएएनएस से कहा, बशीरहाट अस्पताल के अधिकारी जानबूझकर हमारे कार्यकर्ताओं के शव सौंपे जाने की प्रक्रिया में देरी लगा रहे हैं। हम इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी बंगाल सरकार से शोकसंतप्त परिवारों को मुआवजा देने की मांग करेगी। उन्होंने कहा, हम इस नृशंसता के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम यहां 12 जून को एक रैली करेंगे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांकुरा, हुगली, हावड़ा, मिदनापुर, मालदा, बैरकपुर, नैहाटी और उत्तरी व दक्षिणी कोलकाता में सड़क जाम और प्रदर्शन भी किया था। मध्य कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय के पास प्रदर्शन करते कई भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया था।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मारे गए पार्टी कार्यकर्ता कयूम मोल्ला के परिवार से मिला। प्रतिनिधिमंडल में राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, वरिष्ठ नेता तापस रॉय और मदन मित्रा शामिल थे।
मारे गए कार्यकर्ताओं की ग्राफिक तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने के बाद बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में शनिवार रात से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस दस्ता और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया गया है।