एजेंसीज / प्रदीप शर्मा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पश्चिमी देशों को जोरदार कार्रवाई करने की धमकी देने के बाद ब्रिटेन की नौसेना हरकत में आ गई है। उसने अपनी सबसे शक्तिशाली परमाणु पनडुब्बी को जिब्राल्टर भेज दिया है। यह वही इलाका है जहां से रूस के युद्धपोत भूमध्य सागर के रास्ते काला सागर जाते हैं। काला सागर में ही इस समय रूसी नौसेना और यूक्रेन के बीच जोरदार जंग चल रही है। रूसी चेतावनी के बाद ब्रिटेन की सबसे नई और दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बियों में एक एचएमएस ऑडिसस को भेजा है।
एस्टूट क्लास की यह पनडुब्बी हंटर किलर मानी जाती है जो दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धक जहाजों पर टॉरपीडो से हमला करने में सक्षम मानी जाती है। साथ ही इस पनडुब्बी में किलर टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें लगी होती हैं जो जमीनी हमला करके दुश्मन के किसी भी इलाके को तबाह कर सकती हैं। यह परमाणु पनडुब्बी 97 मीटर लंबी है। जिब्राल्टर में यह पनडुब्बी अमेरिका की यूएसएस जार्जिया पनडुब्बी के साथ तैनात है।
एचएमएस ऑडिसस पनडुब्बी 1200 किमी तक किसी भी लक्ष्य को बेहद सटीक तरीके से तबाह कर सकती है। इस पनडुब्बी में अपनी खुद की ऑक्सीजन और समुद्री पानी से ताजा पानी पैदा करने की क्षमता है। इसकी वजह से यह पनडुब्बी लंबे समय तक बिना हवा की जरूरत के पानी के अंदर रह सकती है और काफी दूरी तक युद्धक मिशन को अंजाम दे सकती है।
ब्रिटेन ने इस सबमरीन की तैनाती रूस के बोरिस जॉनसन और अन्य मंत्रियों पर यात्रा बैन लगाने के बाद किया। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार के अप्रत्याशित शत्रुतापूर्ण कार्रवाई को देखते हुए ब्रिटिश सरकार के कई राजनीतिक चेहरों को रूस के ‘स्टॉप लिस्ट’ में डाला जाता है। इस लिस्ट में बोरिस के अलावा, वित्त मंत्री ऋषि सुनक, विदेश मंत्री लिज ट्रूस, रक्षा मंत्री बेन वॉलेस आदि शामिल हैं। इससे पहले रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को परमाणु कार्रवाई की भी धमकी दे डाली थी।