लोकराज डेस्क
सीबीआई के अंदर नंबर-1 और नंबर-2 की लड़ाई के बीच बुधवार रात कुछ ऐसा हुआ, जो इस जांच एजेंसी के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। अभी तक इस मामले में सुलह की कोशिशों में लगी सरकार ने केंद्रीय सर्तकता आयुक्त (सीवीसी) की सिफारिश मिलने के बाद बेहद सख्त फैसला करते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना, दोनों को ही छुट्टी पर भेजा। इसके साथ ही पहली बार सीबीआई का दफ्तर सील हुआ और सुबह अधिकारियों को बैरंग वापस लौटाया गया। इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम की कहानी रात 11 बजे के बाद से शुरू हुई।
सीबीआई में इस नाटकीय घटनाक्रम की शुरुआत देर रात 11 बजे के करीब हुई। सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा ने आदेश जारी किया कि स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना से सारी जिम्मेदारी वापस ली जाती हैं। बता दें कि सीबीआई ने अस्थाना पर 3 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने एक और बम फोड़ते हुए अस्थाना पर वसूली रैकिट चलाने का आरोप लगाया था। हालांकि अस्थाना इसे खारिज कर रहे हैं और वर्मा पर उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं।
मंगलवार शाम 6 बजे सीवीसी ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को हटाने का फैसला किया। शाम 7 बजे सीवीसी ने अपने फैसले की जानकारी सरकार तक पहुंचाई। 7 बजे ही सरकार ने अनुशंसा पर विचार किया। वर्मा और अस्थाना को हटाने का आदेश तैयार किया गया, और रात 12.30 बजे सीबीआई के अधिकारियों को यह आदेश जारी किया गया। सुबह दो बजे नागेश्वर राव ने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर का कार्यभार संभाला।