इंद्र वशिष्ठ
तमिलनाडु में बाप-बेटे की हत्या के आरोपी 9 पुलिस वालों के खिलाफ सीबीआई ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस साल जून में तमिलनाडु के तुथुकुडी (तूतीकोरिन) मेंं सथानकुलम थाने में पुलिस की दरिंदगी से हुई बाप-बेटे के मौत के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे। तमिलनाडु पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर इस मामले में सब-इंस्पेक्टर रघु गणेश को गिरफ्तार किया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
पुलिस ने बर्बरता की-
सीबीआई ने सात जुलाई को इस सिलसिले में दो मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सीबीआई ने जांच में पाया कि व्यापारी पी. जयराज (58) और उसके बेटे बेनिक्स (31) को पुलिस ने 19 जून 2020 को गिरफ्तार किया। सथानकुलम थाने मेंं आरोपी पुलिस वालों ने पिता पुत्र को प्रताड़ित/ टार्चर किया। पुलिस की दरिंदगी के कारण आई चोटों के कारण बेनिक्स की 22 जून और उसके पिता की 23 जून को मौत हो गई।
9 पुलिस वाले हत्या के आरोपी –
सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौड ने बताया कि बाप-बेटे की हत्या के आरोप में सथानकुलम थाने के तत्कालीन एसएचओ एस.श्रीधर, सब- इंस्पेक्टर के. बालाकृष्णन, पी. रघु गणेश, हवलदार एस. मुरुगन, ए. समदुरई , सिपाही एम. मुथुराजा, एस. चेलादुरई,एक्स. थामस फ्रांसिस और एस. वेलुमुथु के खिलाफ मदुरै की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। यह सभी पुलिस वाले इस समय जेल में हैंं।
एक अन्य आरोपी सब इंंस्पेक्टर की जांच के दौरान मौत हो गई। सीबीआई ने हत्या, गैरकानूनी तरीक़े से रोकने, झूठा मुकदमा दर्ज करने,सबूत नष्ट करने और साजिश आदि अपराध की धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। इस मामले में अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
पुलिस की कहानी-
तमिलनाडु पुलिस ने उस समय बताया था कि जयराज, बेनिक्स को लॉकडाउन मेंं मोबाइल फोन की दुकान तय समय से ज्यादा देर तक खोलने के कारण गिरफ्तार किया गया। इन लोगों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया था।
पुलिसवाले को मुफ्त में मोबाइल नहीं दिया-
दूसरी ओर उसी समय यह बात सामने आई कि सब-इंस्पेक्टर बालाकृष्णन को मुफ्त में मोबाइल फोन देने से जयराज ने इंकार कर दिया था। इसलिए पुलिस उसे पकड़ कर थाने ले गई। बेनिक्स थाने पहुंचा तो पाया कि पुलिस वाले उसके पिता की पिटाई कर रहे थे। बेनिक्स ने विरोध किया तो पुलिस वालों ने उसे भी पीटना शुरू दिया।
बाप- बेटे को नंगा कर पीटा-
इस मामले में बेनिक्स के दोस्त रवि और मणिमारन ने मीडिया को बताया था कि थाने की खिडक़ी से उन्होंने देखा कि जयराज और बेनिक्स को नंगा करके पुलिस वाले बुरी तरह से पीट रहे थे। पुलिस ने इतनी बर्बरता से पीटा कि उनके मलाशय/मलद्वार से खून निकल रहा था और शरीर पर कई घाव हो गए थे।
जबरन फिटनेस सर्टिफिकेट-
पुलिस दोनों को अस्पताल ले गई। डॉक्टर से उन दोनों के फिट होने का सर्टिफिकेट देने को कहा। डॉक्टर ने दोनों को देख कर कहा कि इनकी हालत खराब है वह पहले इनकी जांच करेगा। पुलिस वालों ने डॉक्टर से कहा कि यह चोटें इन दोनों ने अपने आप ही मारी हैं और इन्हें इलाज की जरूरत नहीं है। पुलिस ने दबाव बना कर डॉक्टर से उनके फिटनेस सर्टिफिकेट ले लिए।
मजिस्ट्रेट की भूमिका पर सवाल-
पुलिस वालों ने इन दोनों को धमकी दी कि अगर मजिस्ट्रेट के सामने जुबान खोली तो तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर देंगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट के घर पेश किया। पुलिस ने दोनों को दूरी से ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। इसके अलावा उनको पुलिस ने इस तरह अपने घेरे में छिपा कर पेश किया ताकि वह अपनी चोट मजिस्ट्रेट को दिखा न सकें। मजिस्ट्रेट ने भी पिता पुत्र से कुछ पूछे या केस के बारे मे कुछ जाने बिना ही उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया। जेल मेंं जाते ही पिता पुत्र की हालत और गंभीर हो गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन दोनों की हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि दोनों ने दम तोड़ दिया।