प्रदीप शर्मा
INX मीडिया मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने यह कहते हुए पी. चिदंबरम की बेल अर्जी खारिज कर दी है कि कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि चिदंबरम सबूतों को नष्ट करेंगे लेकिन इस संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि चिदंबरम गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
चिदंबरम ने 2007 में वित्त मंत्री रहते हुए फर्म में विदेशी निवेश को मंजूरी देने में कथित भूमिका निभाई थी. एजेंसी ने उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर इस मामले में रिश्वत लेने आरोप लगाया है।
INX मीडिया की स्थापना पीटर और इंद्राणी मुखर्जी द्वारा की गई थी, जो वर्तमान में इंद्राणी की बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में हैं. इंद्राणी मुखर्जी ने चिदंबरम के खिलाफ मामले में मंजूरी दे दी है और जांच एजेंसियों ने उनकी गवाही के आधार पर मामला दर्ज किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनके मंत्रिमंडल में चिदंबरम वित्त मंत्री थे, ने सवाल किया है कि सामूहिक निर्णय के लिए उन्हें कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. सरकार के छह सचिवों सहित एक दर्जन अधिकारियों ने जांच की थी और प्रस्ताव की सिफारिश की थी. चिदंबरम ने कहा, सर्वसम्मति से सिफारिश को मंजूरी दी गई थी. उन्होंने कहा “अगर मंत्री एक सिफारिश को मंजूरी देने के लिए उत्तरदायी है, तो सरकार की पूरी प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी.”