नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के दूसरे चरण में 21 राज्यों में 17 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले गए हैं जहां प्रारंभिक जांच में करीब नौ लाख किसानों में मधुमेह रोग की पुष्टि हुई है। जबकि 12 लाख किसान ऐसे भी मिले हैं, जिन्हें तनावग्रस्त पाया गया है।
मंत्रालय के अनुसार, मधुमेह के रोगियों को शुरुआत में ही लाभ देने के लिए सीएसआईआर निर्मित मधुमेह की दवा बीजीआर-34 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में उपलब्ध कराई गई है।
भारतीय वैज्ञानिकों के गहन शोध के बाद तैयार बीजीआर-34 को लेकर बीएचयू, एम्स सहित जापान, कोरिया और अमेरिकी एजेंसियां भी इसके सफल परिणाम देख चुकी हैं। शुरुआती जांच के बाद इसका सेवन लाखों रोगियों में सकारात्मक परिणाम लेकर आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है कि बदलते दौर में लोगों की जीवनशैली में तेजी से परिवर्तन आ रहा है, उसके कारण मधुमेह जैसे रोगों को बढ़ावा मिला है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नि:शुल्क जांच व उपचार के अलावा आयुष पद्धति की सुविधा भी उपलब्ध है।
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक के अनुसार, आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी ने देश भर में साढ़े 12 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आयुष मंत्रालय को सौंपे गए हैं, जहां आयुर्वेद के साथ होम्योपैथी और यूनानी जैसी चिकित्सा पद्घतियों से भी नि:शुल्क उपचार मिल सकेगा।
आईसीएमआर- इंडिया डायबिटीज की एक रिसर्च भी सामने आई है, जिसके अनुसार साल 2018 में देश भर में मधुमेह से करीब 7 करोड़ 30 लाख लोग पीड़ित मिले हैं। रिसर्च में संभावना जताई गई है कि 2022 तक देश में मधुमेह मरीजों की संख्या 10 करोड़ पार होगी। दुनिया में ये आंकड़ा किसी भी देश में सबसे ज्यादा है। वहीं इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिसर्च के अनुसार, भारत में 20 से 70 वर्ष की आयु के बीच 6.5, 6.68 और 6.91 करोड़ मधुमेह के मरीज क्रमश: वर्ष 2013, 2014 और 2015 में सामने आ चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर देश भर में खोले जाने हैं। इनमें से 17 हजार सेंटरों पर मधुमेह, हाइपरटेंशन, पांच तरह के कैंसर, दांत, आंख, कान, नाक, गला और त्वचा रोग से जुड़े उपचार की सुविधा ग्रामीणों को मिल रही है।
उन्होंने बताया कि रविवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर मंत्रालय ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य-सबको और हर जगह’ का नारा दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में खोला जाएगा, ताकि ग्रामीणों को गैर-संक्रमित रोगों का समय पर उपचार मिल सके।
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