नई दिल्ली : राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े रहने की स्थिति में पार्टी के सदस्य कांग्रेस के एक से ज्यादा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के अपने मॉडल को परिष्कृत करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
पार्टी के नए उत्तराधिकारी के बारे में काफी मंथन के बाद पार्टी के सदस्यों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि कांग्रेस के दो कार्यकारी अध्यक्ष होने चाहिए, उनमें से एक अगर दक्षिण भारत से हो तो पार्टी के लिए अच्छा होगा। वहीं एक प्रस्ताव यह भी है कि कार्यकारी अध्यक्ष अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में से होने चाहिए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में कुछ नाम प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें अनुसूचित जाति के दो नेता सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। वहीं इनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी युवा अध्यक्ष के तौर लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि नया सेट-अप संसद के बजट सत्र से पहले हो सकता है। इसके पहले पार्टी ने तीन कार्यकारी अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव दिया था। कहा गया कि उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत से एक-एक और अगर चौथा अध्यक्ष पश्चिम भारत से चुना जाए तो कोई हर्ज नहीं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि क्षेत्रीय नेता, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व की राय में व कांग्रेस के अभियान में पूरा योगदान नहीं दिया, वह इसकी कीमत चुका सकते हैं। इनमें से एक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर क्षेत्र से हार हुई थी। इस हार का ठीकरा उन्होंने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर फोड़ा था। हालांकि सार्वजनिक तौर पर वह आपसी एकता बनाए नजर आते हैं।