नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को मोदी सरकार पर व्यावसायिक या तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा ऋण चाहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर लाखों छात्रों को सजा देने का आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, भाजपा सरकार आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा या तकनीकी कोर्स करने के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड में बाधा डालकर आर्थिक रूप से कमजोर लाखों छात्रों को दंडित कर रही है। शिक्षा ऋण केवल विद्या लक्ष्मी पोर्टल के माध्यम से सिर्फ 1,056 संस्थानों तक सीमित है।
उन्होंने कहा, भाजपा सरकार ने पेशेवर या तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा ऋण योजना को लगभग मार डाला है और हमारे युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। नए मानदंडों के बारे में जागरूकता की कमी का मतलब है कि शिक्षा ऋण के लिए बहुत कम आवेदन होगा और बैंकों ने पिछले चार सालों में 1.44 लाख आवेदनों में से केवल 42,700 आवेदनों को ही मंजूरी दी हैं।
सुरजेवाला द्वारा संलग्न रिपोर्ट में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निदेशरें के नवीनतम नियम का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया है कि भारतीय बैंक संघ की मॉडल शैक्षिक ऋण योजना के लिए पात्रता राष्ट्रीय महत्व के मान्यता प्राप्त संस्थानों और केन्द्र द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थान में पेशेवर और तकनीकी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों तक ही सीमित है।