प्रदीप शर्मा
कांग्रेस कार्य समिति की सोमवार को होने वाली बैठक से पहले एक बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की है. खबर है कि इन नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में कांग्रेस के 20 ज्यादा शीर्ष नेताओं ने पार्टी आंतरिक संकट का जिक्र करते हुए नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी के साथ चर्चा की मांग की है. ऐसा बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में मौजूदा स्थिति पर सवाल उठाते हुए सामूहिक नेतृत्व की मांग की है।
इस चिट्ठी में कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव को लेकर हो रही देरी पर भी सवाल उठाए गए हैं. चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने इस बारे में बात करने के लिए सोनिया गांधी से वक्त भी मांगा है. चिट्ठी लिखने वालों में आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, विवेक तनखा, पृथ्वीराज च्वहाण, वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, भूपेंद्र हुड्डा, राज बब्बर, मनीष तिवारी, मुकुल वासनिक समेत कई पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हैं।
बता दें कि कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रही चर्चा के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक आगामी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक सोमवार को सुबह 11 बजे आरंभ होगी।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक मुद्दों, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोरोना वायरस संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. वैसे, सीडब्ल्यूसी की बैठक उस वक्त हो रही है जब अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी एक साल की अवधि पूरा कर चुकी हैं. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उन्हें अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कांग्रेस के कई नेता खुलकर यह मांग कर चुके हैं कि एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपी जाए. हाल ही में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कांग्रेस के 100 फीसदी कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल गांधी फिर से पार्टी का नेतृत्व करें।
हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का कहना है कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का बनना चाहिए. फिलहाल कांग्रेस में इस समय काफी उहापोह की स्थिति है क्योंकि सिर्फ रणदीप सुरजेवाला ही नहीं, शशि थरूर सहित कई नेता इस मुद्दे पर मीडिया में बयान में दे चुके हैं।
कांग्रेस में संगठन के स्तर पर बदलाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. अब कांग्रेस में बदलाव को लेकर पार्टी दो धड़ों में बंटी दिख रही है. एक धड़ा पार्टी नेतृत्व सहित संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग कर रहा है तो एक गुट ने गांधी परिवार को चुनौती देने को गलत बताया है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती दिए जाने का विरोध किया है।
अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि यह समय इस तरह के मुद्दों को उठाने का नहीं है. अभी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की जरूरत है जिसने देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को जारी बयान में कहा कि एनडीए इसलिए कामयाब है क्योंकि विपक्ष एकजुट नहीं है. संकट की इस घड़ी में पार्टी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की मांग का यह उचित समय नहीं है. इस तरह के कदम पार्टी और राष्ट्र के हितों के लिए नुकसानदायक साबित होंगे।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारत को अभी न केवल सीमा पार से बल्कि इसकी संघीय ढांचे को भी आंतरिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक एकीकृत कांग्रेस ही अकेले देश और इसके लोगों की रक्षा करने में सक्षम है।