शिमला : हिमाचल प्रदेश में इस बार सर्दियों में लगातार बर्फबारी देखने को मिल रही है, जिसके कारण हाड़-कपा देने वाली ठंड बनी हुई है। मौसम विशेषज्ञ इसे एक लंबे अंतराल बाद एक प्राकृतिक घटना बता रहे हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि 5-8 फरवरी तक राज्य में व्यापक बारिश की संभावना है।
सिंह ने आईएएनएस से कहा, जनवरी और फरवरी में हिमालयी क्षेत्रों में प्रत्येक महीने औसतन पांच पश्चिमी विक्षोम सक्रिय होते हैं। एक लंबे अंतराल बाद इस बार राज्य में पश्चिमी विक्षोम एक के बाद एक सक्रिय है।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर से पैदा होने वाली एक तूफान प्रणाली के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक एक मौसम संबंधी शब्द है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में बारिश या बर्फबारी का कारण बनता है।
पिछली सर्दियों में राज्य में सूखा जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिससे राज्य की 7,000 करोड़ रुपये की फल अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई थी, खास तौर से सेब आधारित अर्थव्यवस्था और पर्यटन भी, क्योंकि बर्फमारी से पर्यटक आकर्षित होते हैं।
सेब के बागानों को आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में कम ठंड की जरूरत होती है।
पुराने समय के लोगों ने याद दिलाया कि लगभग दो दशकों से शिमला में उस तरह की भारी बर्फबारी नहीं हुई थी, जिस तरह की बर्फबारी पिछले 15 दिनों के दौरान हुई, जिससे जाड़े में जनजीवन पंगु हो गया।
वर्ष 1940 के दशक के प्रारंभ से शिमला में रह रहे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हरि सूद ने कहा, पिछले दो दशकों में बर्फबारी में लगातार कमी देखी गई है। इस सर्दी में हम लंबे समय बाद लगातार बर्फबारी देख रहे हैं और इससे पर्याप्त रूप से भूजल संभरण होगा, जिससे गर्मी के मौसम में पानी की कमी से निपटने में मदद मिलेगी।
दूसरे 80 वर्षीय बुजुर्ग जय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह समय कठोर सर्दियों की जीवंत यादें लेकर आया है।
अतीत में, मनाली से 13 किलोमीटर दूर सोलंग स्की ढलानों पर कई बार पर्याप्त हिमपात नहीं हुआ, इसलिए स्कीइंग के पेशे से जुड़े स्थानीय लोग रोमांच के शौकीनों को आकर्षित करने के लिए ऊंची पहाड़ियों की ओर जाने की योजना बना रहे थे।
अधिकारियों का कहना है कि 2008-09 स्कीइंग के लिए बहुत बुरा रहा था, क्योंकि सर्दियों भर ढलानों पर बहुत कम और अनियमित बर्फबारी हुई थी।