नई दिल्ली : इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए) की क्षमता विस्तार का अनुबंध विकास के अगले चरण के तहत इसी महीने दिए जाने की संभावना है, जिसमें एक और एकीकृत टर्मिनल का निर्माण शामिल है।
हवाई अड्डा के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, अगले चरण के तहत विस्तार कार्य का अनुबंध इसी महीने दिए जाने की उम्मीद है। इस पर काम अगले कुछ महीनों में शुरू होगा। योजना पहले से ही अनुमोदित है, जो क्षमता विस्तार में मदद करेगी।
यह हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। साल 2018 में 7 करोड़ यात्रियों ने यहां से सफर किया, जबकि 2017 में यात्रियों की संख्या 6.35 करोड़ थी। यह विश्व का 16वां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।
अधिकारी के मुताबिक, विस्तार कार्य का नया दौर विभिन्न चरणों में 2021 तक पूरा होगा, जिसमें किफायती विमानन कंपनियों के लिए एक एकीकृत टर्मिनल, समर्पित जनरल एविएशन टर्मिनल, चौथा रनवे और एक क्रास-टैक्सी वे का निर्माण शामिल है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (डायल) आईजीआईए का संचालन करती है। कंपनी ने साल 2016 में ही नागरिक विमानन मंत्रालय और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श से विस्तार योजना को मंजूरी दी थी।
योजना के मुताबिक, नए एकीकृत टर्मिनल में 22 एयरो-ब्रिजेज, 13 बस गेट्स, 108 सीयूएसएस (कॉमन यूज सेल्फ सर्विस) बनाए जाएंगे और बेहतर यात्री सुविधाएं जैसे मेट्रो कनेक्टिविटी, बहुमंजिला कार पार्किं ग, 10 आगमन कन्वेयर बेल्ट्स और एयर और शहर की तरफ के क्षेत्रों का विस्तार आदि का निर्माण किया जाएगा।
नई योजना के हिस्से के तहत दक्षता बढ़ाने के लिए दो मौजूदा रनवे को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। इससे उड़ानों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी और विमानों का टर्मिनल से टारमेक तक जाने में लगने वाले समय की बचत होगी।
चौथे रनवे का निर्माण साल 2020 के अंत तक रनवे संख्या 11/29 के समानांतर किया जाएगा, जिससे अन्य रनवे पर दवाब कम करने में मदद मिलेगी।
विस्तार योजना को तीन मॉड्यूलर चरणों – 3ए (2018-22), 3बी (2022-26) और चौथे चरण (2027 के बाद) में लागू किया जाएगा।