नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह दिल्ली के पांचवें वित्त आयोग (डीएफसी) की ज्यादातर सिफारिशों को स्वीकार करते हुए अपने कुल कर-संग्रह का 12.5 फीसदी हिस्सा दिल्ली नगर निगम को देगी।
डीएफसी की सिफारिशों पर प्रदेश सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में पेश करते हुए शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने सदन को बताया कि तीसरे दिल्ली वित्त आयोग के अनुसार यह आंकड़ा 10.5 फीसदी था।
जैन ने कहा कि स्थानीय निकायों को हस्तांतरित किया जाने वाला कुल कर-संग्रह का 12.5 फीसदी हिस्सा छह फीसदी और 6.5 फीसदी के दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
उन्होंने कहा कि 6.5 फीसदी हिस्सा स्थानीय निकायों को स्वास्थ्य और शिक्षा समेत विभिन्न विभागों के बजटीय प्रावधानों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। शेष छह फीसदी हिस्से को फिर तीन-तीन फीसदी के दो भागों में बांटा जाएगा।
जैन ने कहा, पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को एक हिस्से से क्रमश: 65 फीसदी और 35 फीसदी हिस्सा मिलेगा, जबकि दूसरा तीन फीसदी हिस्सा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली कैंटोन्मेंट बोर्ड समेत अन्य स्थानीय निकायों के लिए रखा जाएगा।