आगरा : पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने दूषित और सूखी यमुना नदी की ओर ध्यान खींचने के लिए यहां एक प्रतीकात्मक रेत स्नान का आयोजन किया।
पानी के बिना यह नदी अब पूरी तरह से सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है और इस वजह से सीवेज नहर बन चुकी नदी की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए इन कार्यकर्ताओं ने रविवार की शाम को एक सामूहिक सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
कार्यकर्ताओं ने इसके तहत सूखी हुई नदी से एकत्रित रेत के ढेर पर प्रतीकात्क रूप से कूदकर और तैरकर नदी के प्रति उदासीनता के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि अगर नदी में पानी ही ना हो तो उन्हें रेत में ही नहाना पड़ेगा।
एतमादुद्दौला व्यू पॉइंट पार्क के पास नदी के किनारे हुए इस समारोह में काफी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए।
नदी कार्यकर्ता श्रवण कुमार सिंह ने कहा, यमुना का इस तरह से सूखना न केवल आगरा में पर्यावरणीय संतुलन के लिए खतरे की बात है बल्कि ताज महल समेत नदी किनारे स्थित ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी इससे खतरा पैदा हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्टीमर्स का वादा किया है जो पर्यटकों को नदी पर से दिल्ली से आगरा ले जाने का काम करेगी, लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका है।
रेत स्नान कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक नंदन श्रोत्रिया ने कहा, नदी में पानी के बिना स्टीमर कैसे चल सकते हैं।