नई दिल्ली (आईएएनएस)। दुनिया में सोने का प्रमुख आयातक देश भारत में इस साल सोने की मांग 750-850 टन के करीब रह सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।
डब्ल्यूजीसी के अनुसार, साल की दूसरी तिमाही में शादी का सीजन और अक्षय तृतीया का त्योहार होने के कारण सोने की मांग बढ़ सकती है।
भारत में धनतेरस के बाद सबसे ज्यादा सोने की खरीदारी अक्षय तृतीया पर होती है। देश में सोने की खरीदारी के लिए दोनों पर्वो को शुभ माना जाता है। इसके अलावा फसलों की कीमतों में इजाफा होने से भी सोने की मांग बढ़ेगी।
डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) द्वारा मानसून के पूर्वानुमान से देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी जिससे सोने की मांग पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि हालांकि इस समय देश में जारी आम चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा 50,000 रुपये से ज्यादा की नकदी साथ में ले जाने पर रोक लगाने से सोने की मांग चालू तिमाही में थोड़ी घट सकती है।
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस साल के शुरुआती तीन महीने के दौरान सोने की मांग में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पांच फीसदी का इजाफा हुआ।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने कहा कि भारत में जनवरी से लेकर मार्च तक सोने की मांग 159 टन रही, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 151.5 टन से पांच फीसदी अधिक है।
हालांकि सोने के मूल्य के रूप में इस साल की पहली तिमाही में 13 फीसदी का इजाफा हुआ। पिछले साल जहां शुरुआती तिमाही में 41,680 करोड़ रुपये के सोने की मांग दर्ज की गई थी, वहां इस साल पहली तिमाही में 47,010 करोड़ रुपये के सोने की मांग रही।
भारत में सोने की मांग मुख्य रूप से आभूषण के लिए ज्यादा देखने को मिलती है। डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार, सोने की जेवराती मांग 2018 की पहली तिमाही में जहां 119.2 टन थी वहां इस साल 125.4 टन रही। इस प्रकार जेवराती मांग में भी पांच फीसदी की वृद्धि हुई।
आलोच्य अवधि में देश में सोने की निवेश मांग में चार फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल की पहली तिमाही में भारत में सोने की निवेश मांग जहां 32.3 टन थी वहां इस साल 33.6 टन रही है।
डब्ल्यूजीसी के अनुसार, 2019 के दौरान भारत में सोने की मांग 750-850 टन के करीब रहने का अनुमान है।
डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीती तिमाही के आखिर में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव में रही नरमी से भारत में सोने की मांग में वृद्धि देखी गई।