नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट में किए गए विभिन्न अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों पर वरिष्ठ फील्ड ऑफिसर्स को सूचनापरक मार्गदर्शन क्रियान्वयन के लिए भेजे हैं।
प्रधान मुख्य आयुक्त, मुख्य आयुक्त और प्रधान आयुक्त को लिखे एक पत्र में राजस्व विभाग ने उन्हें सलाह दी है कि वे विभिन्न वस्तुओं पर सीमा शुल्क में हुए बदलावों के बारे में व्यापारियों और कारोबारियों का मार्गदर्शन करें और उन्हें जानकारी दें।
इसी के साथ अधिकारियों को विभिन्न प्रस्तावों पर उनके विचार और प्रतिक्रिया देने की बात भी कही गई है। टैक्स रिसर्च यूनिट के संयुक्त सचिव जी. डी. लोहानी ने पांच जुलाई को बजट पेश किए जाने के तुरंत बाद लिखा था, मैं अनुरोध करता हूं कि करदाताओं को मार्गदर्शन देने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं।
अपने पहले बजट को पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डीजल, पेट्रोल और सोने के अलावा कई अन्य वस्तुओं पर शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव रखा। अधिकतर मामलों में नई दरें तुरंत लागू हो गईं।
सीतारमण ने शुक्रवार को कहा, घरेलू उद्योग को एक स्तरीय बनाने के लिए काजू, पीवीसी, विनाइल (एक प्रकार का मजबूत लचीका प्लास्टिक जिसे दीवारों व फर्श पर लगाया जाता है), टाइल्स, फर्नीचर आरोहण, ऑटो पार्ट्स, सिंथेटिक, संगमरमर, फाइबर केबल, सीसीटीवी कैमरा, आईपी कैमरा, डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर आदि पर बुनियादी सीमा शुल्क बढ़ाया जा रहा है।
तंबाकू उत्पादों और कच्चे पेट्रोलियम पर उत्पाद शुल्क भी लगाया गया है। बजट में अखबारी कागज पर 10 फीसदी आयात शुल्क, जबकि मुद्रित किताबों पर पांच फीसदी आयात शुल्क लगाया गया है। सोने और अन्य कीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है।
हालांकि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, वित्तमंत्री ने कुछ कच्चे माल और पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कटौती का प्रस्ताव भी रखा है। जीएसटी परिषद के निर्णयों के अनुरूप व्यापार की सुविधा देने और अनुपालना में सुधार के लिए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में संशोधन का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है।