नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन मामले के संबंध में पूछताछ के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी.चंद्रकला को शुक्रवार को सम्मन जारी किया।
एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि हमीरपुर की पूर्व जिला मजिस्ट्रेट चंद्रकला को ईडी के लखनऊ कार्यालय में पूछताछ के लिए सम्मन किया गया है।
सीबीआई की जिस प्राथमिकी पर ईडी का मामला आधारित है, उसमें आरोप लगाया गया है कि हमीरपुर की जिला मजिस्ट्रेट के रूप में चंद्रकला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर कई पट्टे जारी किए थे। उच्च न्यायालय ने एक ई-टेंडर नीति को मंजूरी दी थी।
चंद्रकला के अलावा वित्तीय जांच एजेंसी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधानपरिषद सदस्य रमेश कुमार मिश्रा सहित तीन अन्य लोगों को 28 जनवरी को पूछताछ के लिए सम्मन किया है।
ईडी का यह सम्मन इसके धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज करने के एक दिन बाद आया है।
पीएमएलए का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले पर आधारित है, जो अवैध बालू खनन मामले में उत्तर प्रदेश के राजनेताओं व नौकरशाहों की भूमिका की जारी जांच से जुड़ा है।
सीबीआई ने पांच जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ व नोएडा स्थित घरों पर छापेमारी की थी और दो बैंक खाते व एक लॉकर जब्त किए थे। इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे।
सीबीआई ने दो जनवरी को 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूविज्ञानी/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, मिश्रा व उसका भाई शामिल हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजय दीक्षित और उसके पिता का नाम भी शामिल है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ हमीरपुर जिले में 2013 में 14 लोगों को खनन के पट्टे दिए थे।
सीबीआई ने सात जनवरी को सपा अध्यक्ष द्वारा दिए गए 22 पट्टों की सूची जारी की थी। सपा अध्यक्ष के पास उस अवधि के दौरान खनन मंत्रालय का भी प्रभार था। बाद में उनकी जगह गायत्री प्रसाद प्रजापति ने ली।