नई दिल्ली : सरकार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए यह अनुमान व्यक्त किया।
सीतारमण ने यह अनुमान निवेश तथा खपत में तेजी की संभावना के आधार पर व्यक्त किया है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि 2019-20 में सरकार को मिला विशाल राजनीतिक जनादेश उच्च आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के लिए शुभ है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परि²श्य (डब्ल्यूईओ) की अप्रैल 2019 की रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि 2019 में भारत की जीडीपी 7.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी। यह अनुमान वैश्विक उत्पादन तथा उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में क्रमश: 0.3 तथा 0.1 प्रतिशत अंक में गिरावट की रिपोर्ट के बावजूद व्यक्त किया गया है।
भारत 2018-19 में विश्व की तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। ऐसा 2017-18 के 7.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि से 2018-19 में 6.8 प्रतिशत के मामूली परिवर्तन के बावजूद हुआ है।
आर्थिक सर्वे के अनुसार, पिछले पांच वर्षों के दौरान (2014-15 के बाद) भारत की वास्तविक जीडीपी विकास दर उच्च रही है। इस दौरान औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत रही। 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में विकास दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। गिरावट का कारण कृषि और संबंधित क्षेत्र, व्यापार, होटल, परिवहन, भंडारण, संचार, प्रसारण संबंधित सेवाएं तथा लोक प्रकाशक एवं रक्षा क्षेत्रों में निम्न विकास दर रही।
सर्वे के अनुसार, सत्र 2018-19 के दौरान रबी फसलों के लिए जोत के कुल क्षेत्र में थोड़ी कमी आई जिसने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया। खाद्यान्नों की कीमत में कमी ने भी किसानों को उत्पादन कम करने के लिए प्रेरित किया। 2018-19 के दौरान जीडीपी के निम्न विकास दर के कारण सरकार द्वारा खपत में कमी, स्टॉक में बदलाव आदि हैं।