प्रदीप शर्मा
जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठ के बीच यूरोपीय संघ के सांसदों ने अपनी आंखों से घाटी की सच्चाई देख इसे बुधवार को दुनिया को बताया। यहां का हाल देख और स्थानीय लोगों से मुलाकात करने के बाद विदेशी सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंखों देखा हाल बयां किया। विदेशी सांसदों ने घाटी में आतंकियों को भेजने और उन्हें समर्थन करने को लेकर पाकिस्तान को जमकर कोसा।
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए 23 यूरोपीय सांसदों ने आतंकवाद के मसले पर भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया। उन्होंने एकसुर में कहा कि आंतकवाद वैश्विक समस्या है। एक EU सांसद ने भारत का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि घाटी में पाकिस्तान से दहशतगर्दों को फंडिंग होती है। सांसदों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या है और इसके खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं।
यूरोपीय संसद के सदस्य थियरी मरियानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं करीब 20 बार भारत आ चुका हूं। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में गया था। हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं। एक सांसद ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक समस्या है, जिससे हम सभी लोग जूझ रहे हैं। इस मसले पर हमें भारत का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने अपने दौरे में ऐक्टिविस्ट्स से मुलाकात की, जिन्होंने शांति को लेकर अपना विजन बताया। मरियानी ने कहा कि हमने सिविल सोसायटी के लोगों से भी मीटिंग की।
पोलैंड के सांसद रेजार्ड जारनेकी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जो दिखाया वह पक्षपातपूर्ण था। हमने जो देखा है, अपने देश लौटकर हम उसकी जानकारी देंगे।’
युनाइटेड किंगडम के यूरोपीय सांसद बिल न्यूटन ने मंगलवार को मजदूरों की हत्या को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि आतंकियों की ओर से ऐसी हत्याएं किया जाना दर्दनाक है। न्यूटन ने कहा कि भारत का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। कल हमने सिविल सोसायटी के लोगों समेत काफी लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने यहां केंद्र सरकार से आने वाले पैसों में करप्शन की भी बात बताई।
एक अन्य सांसद ने कहा कि हमें भारत को समर्थन करने की जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। गौरतलब है कि यूरोपीय संसद के 23 सदस्य मंगलवार को दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे थे। उनके इस दौरे को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं कि जब देश के सांसदों को एयरपोर्ट से ही लौटा दिया जा रहा है तो फिर विदेशी सांसदों को कश्मीर में एंट्री क्यों दी गई।
कई विपक्षी दलों ने यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में एक यूरोपीय सांसद निकोलस फेस्ट ने कहा कि मैं सोचता हूं कि यदि आप यूरोपीय सांसदों को कश्मीर आने दे रहे हैं तो फिर भारतीय विपक्ष को भी आने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक तरह का असंतुलन है, जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, लेफ्ट समेत कई नेताओं ने विपक्ष के नेताओं को घाटी जाने से रोकने और अब विदेशी सांसदों को जाने देने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।