अमरावती : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे के दौरान रविवार को पूरे आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए।
प्रदर्शनकारी काले परिधानों में काले झंडे लिए रविवार तड़के से ही सड़कों पर उतर गए। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, छात्र संगठनों और जन संगठनों ने धरने दिए और रैलियां निकाली।
राज्य को विशेष दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ रहे तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), कांग्रेस, वाम दलों, कर्मचारी समूहों एवं छात्र समूहों, श्रमिक संगठनों और अन्य जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सभी 13 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और अभिनेता पवन कल्याण की जना सेना को छोड़कर बाकी सभी दलों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
वाम दलों के नेताओं ने गुंटूर में खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए हवा में काले गुब्बारे छोड़े।
विशेष दर्जे के लिए लड़ाई लड़ रहे प्रत्येक होदा साधना समिति ने भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। हालांकि गुंटूर में मोदी के रैली स्थल के पास कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि मोदी ने खुद काली शर्ट पहन रखी थी। चंद्रबाबू ने लोगों से विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि मोदी को राज्य का दौरा करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने विशेष दर्जे का वादा और साथ ही आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में किए गए अन्य वादों को पूरा न कर उन्होंने राज्य के साथ धोखा किया है।
सिंचाई मंत्री देविनेनी उमा महेश्वरा राव ने विजयवाड़ा में एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। तेदेपा के नेताओं ने विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
अभिनेता शिवाजी और उनके समर्थकों ने मोदी के राज्य के तीन-चार घंटे के दौरे के दौरान विजयवाड़ा में तीन फुट पानी में रहकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा नेतृत्व वाले राजग से पिछले साल तेदेपा के अलग हो जाने के बाद मोदी का आंध्र प्रदेश का यह पहला दौरा है।