कोलकाता : शुक्रवार देर रात पश्चिम बंगाल पहुंची भीषण चक्रवाती तूफान फानी राज्य में शनिवार को अपेक्षाकृत कमजोर हो गया है और अब इससे कोई बड़ा खतरा नहीं है।
यह पिछले कई दशकों में भारतीय उपमहाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली तूफान है।
फिलहाल कोलकाता से 60 किलोमीटर उत्तर में नादिया जिला के शांतिपुर में मौजूद फानी के शनिवार दोपहर बाद बांग्लादेश में प्रवेश करने की संभावना है।
ओडिशा में शुक्रवार को प्रवेश कर तबाही मचाने वाले शक्तिशाली चक्रवाती तूफान फानी के इसके कुछ घंटों बाद मध्यरात्रि में पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने पर कई पेड़ उखड़ते चले गए।
फिलहाल किसी के मरने या घायल होने की खबर नहीं आई है।
भुवनेश्वर और कोलकाता हवाईअड्डों की सभी उड़ानों के शुक्रवार को रद्द होने के बाद नेता जी सुभाष चंद्र बोस हवाईअड्डे पर शनिवार को सुबह 9.57 बजे उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया गया।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग (आरएमसी) की विशेष मौसम रिपोर्ट के अनुसार, फानी तेजी से कमजोर हो रहा है।
आरएमसी के उप महानिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा, इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ जाने और शनिवार दोपहर के आसपास बांग्लादेश में प्रवेश करने की भारी संभावना है।
मौसम विशेषज्ञ जे.के. मुखोपाध्याय के अनुसार, चक्रवात के प्रभाव वाला क्षेत्र कम हो गया है।
उन्होंने कहा, मिदनापुर और अन्य तटीय क्षेत्रों में हवा की गति लगभग 75 किलोमीटर प्रति घंटा है तथा बारिश के कारण इसका प्रभाव और बढ़ गया है। कोलकाता में बारिश हुई है लेकिन हवा की गति उतनी तेज नहीं हुई है।
चक्रवाती तूफान फानी ने ओडिशा के बालासोर से देर रात 12.30 बजे बंगाल में प्रवेश किया था। इसने 70-80 किलोमीटर से 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार की हवा के साथ खड़गपुर क्षेत्र को पार किया।
प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए विद्युत सेवा रोक दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, बेहद भीषण चक्रवाती तूफान फानी तटीय ओडिशा पहुंचने के बाद अपेक्षाकृत कमजोर हो गया और बंगाल पहुंचते ही बहुत शक्तिशाली हो गया।
फानी ने दिघा, मंदरमणि, ताजपुर, संदेहल्खली और कोंटाई नगरों और कस्बों को बुरी तरह प्रभावित किया, वहीं खड़गपुर और बर्दवान जैसे शहरों में भी यह काफी प्रभावी रहा जहां पेड़ उखड़ गए और लोहे के होर्डिंग्स उड़ गए।
कोलकाता और उपनगरीय इलाकों के कुछ भागों में शुक्रवार दोपहर से मध्यम से भारी बारिश हुई है।