पटना, :बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि के बाद कई क्षेत्रों में आई बाढ़ का तांडव अब भी जारी है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में बाढ़ से 14 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 92 हो गई है। इस बीच, सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि भेजने का काम प्रारंभ कर दिया है।
बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने शनिवार को बताया कि पहले चरण में 11 जिलों के तीन लाख दो हजार 329 बाढ़ पीड़ितों के सत्यापित परिवारों के खाते में 161़ 39 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में पहली बार बाढ़ राहत की सहायता राशि राज्य स्तर से लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जा रही है।
पैसा देने के पूर्व लाभार्थियों के बैंक खाते की जांच पब्लिक फाइनाइंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस प्रणाली) से हुई और खाता जांच के बाद राज्य स्तर से ही सीधे उनके बैंक खाते में राशि भेज दी गई।
उन्होंने बताया कि आगे भी बाढ़ प्रभवितों को सत्यापित कर उनके बैंक खाते में छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि भेजी जाएगी।
राज्य के 12 जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए है तथा घरों और खेतों में पानी भरा गया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के 102 प्रखंडों के 1107 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे 66 लाख से ज्यादा की जनसंख्या प्रभावित है। इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से अब तक 92 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं।
कई इलाकों में बाढ़ का पानी उतर गया है परंतु कई नए स्थानों में बाढ़ का पानी फैल भी रहा है। जहां पानी कम हुआ है, वहां अब गावों को जोड़ने वाली सड़कें और पुल-पुलिया बह चुके हैं। ग्रमीण कार्य विभाग के मुताबिक अब तक करीरब 1000 ग्रामीण सड़कें और 15 पुल बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए हैं। विभाग ने सभी बाढ़ प्रभवित जिलों से क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची मांगी है।
इस बीच, बिहार जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि नदियों के जलस्तर में कमी आई है, परंतु अभी भी बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा और महानंदा नदी कई स्थानों पर खतरों के निशान के ऊपर बह रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 131 राहत शिविरों में 1.14 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। 1,032 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं, जिसमें बाढ़ पीड़ितों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है।