प्रदीप शर्मा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना दूसरा आम बजट सदन में पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे बजट पर विपक्ष की तीखी प्रक्रिया आनी शुरू हो गई है. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही मोदी सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि ये दिवालिया सरकार का दिवालिया बजट है. बीजेपी अर्थव्यवस्था को लेकर नाकाम है. यूपी में बीजेपी की सरकार है, लेकिन इन्वेस्टमेंट लाने के नाम पर कुछ नहीं था. रोजगार कैसे पैदा होगा, मोदी सरकार बेरोजगारी के मसले को कैस दूर करेगी. ये बजट आंकड़ों का मकड़जाल था ताकि अन्य मद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।
सरकार और उसके सहयोगी जहां इस बजट की जमकर तारीफ कर रहे हैं वहीं विपक्ष का कहना है कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बेरोजगारी का कोई हल नहीं निकला। राहुल गांधी ने कहा, ”भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था की हालत है. इसपर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं थी. इतिहास में सबसे लंबा बजट था, परन्तु उसमें कुछ था नहीं, खोखला था.”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्विटर पर बजट को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ”निर्मला जी, 1. पांच ट्रिलियन इकोनामी जुमला ही निकली? 2. बजट में रोज़गार शब्द का ज़िक्र तक नहीं ? 3. पांच नए स्मार्ट सिटी बनाएंगे? पिछले सौ स्मार्ट सिटी का ज़िक्र तक नहीं. 4. ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई?”
आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है. कृषि विकास दर दो फीसदी हो गयी है. आय दोगुनी करने के लिए कृषि विकास दर को 11 फीसदी रहना होगा.’ उन्होंने दावा किया, ‘ निर्मला सीतारमण बजट संबन्धी गणित को स्पष्ट करने में विफल रही हैं. नवंबर महीने तक जो राजस्व आया है वो बजट आकलन का सिर्फ 45 फीसदी है.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम बजट 2020 को निराशा वाला बताया है और कहा कि बजट में दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार हुआ. उन्होंने कहा, ”दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थी. लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ. दिल्ली बीजेपी के प्राथमिकताओ में आता ही नहीं, तो दिल्ली वाले बीजेपी को वोट क्यों दे? सवाल ये भी है की चुनाव से पहले ही जब बीजेपी दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी?”