नई दिल्ली: केंद्रीय बजट में राजकोषीय दृष्टि से सावधानी बरती गई और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया। शुक्रवार को पेश किए गए बजट ने बैंकिंग क्षेत्र को पीएसयू बैंकों के पुनर्पूजीकरण के साथ 700 अरब रुपये की छूट दी, जो उम्मीद से अधिक रही। एनबीएफसी पर तनाव को कम करने के लिए कुछ अल्पकालिक उपाय भी किए गए।जीडीपी वृद्धि के लिए बजट को अल्पकालिक बढ़ावा देने के बजाय दीर्घकालिक रणनीति के तहत तैयार किया गया है।
हालांकि राजस्व लक्ष्य काफी महत्वकांक्षी है, मगर खर्च को कम रखना भी एक चुनौती होगी। मगर राजकोषीय घाटे के नियंत्रण में रहने की संभावना है। वहीं गैर कर राजस्व बढ़ा दिया गया है।केंद्रीय बजट 2019 के मुख्य अंश इस प्रकार है : वित्तीय सेवाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर 700 अरब रुपये का पुनर्पूजीकरण अपेक्षाओं से काफी अधिक है जो पीएसयू बैंकिंग क्षेत्र को भागीदारी बढ़ाने में मदद करेगा। किफायती आवास के लिए ब्याज दर में छूट बजट का एक सकारात्मक पहलू है। इसी दिशा में सभी लोगों को आवास मुहैया कराने पर भी सरकार फोकस कर रही है।
सिगरेट पर फिर से उत्पादन शुल्क लगाया गया है। उपभोक्ता क्षेत्र में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर करने से ऑटोमोबाइल सेक्टर को दीर्घकालिक फायदा पहुंचेगा।