प्रदीप शर्मा
जम्मू-कश्मीर में धारा 144 हटाने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है. इसमें सरकार को वक्त मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेंगे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि ये कब तक चलेगा. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जैसी ही स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी. हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो. 1999 से हिंसा के कारण 44000 लोग मारे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं ? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम रोज समीक्षा कर रहे हैं. सुधार आ रहा है. उम्मीद है कि कुछ दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे।
सुनवाई के दौरान एजी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में 40 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इस बार किसी की भी मौत नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बेहद गलत ढंग से याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को नहीं पता कि कश्मीर में क्या हो रहा है. सरकार पर विश्वास करना होगा. यह मामला बेहद संवेदनशील है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास वास्तविक तस्वीर होनी चाहिए, कुछ समय के लिए यह मामला रुकना नहीं चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले की सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जाएगी।
याचिकाकर्ता की वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं को बहाल किया जाना चाहिए. कम से कम अस्पतालों में संचार सेवा को बहाल किया जाना चाहिए. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि स्थिति संवेदनशील है. हम मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने पर काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि घाटी में अभी भी मोबाइल फोन, मोबाइल इंटरनेट और टीवी-केबिल पर रोक लगी हुई है. हालांकि, जम्मू में धारा 144 को पूरी तरह से हटा दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में फोन की सुविधा चालू की गई है. अभी सिर्फ मोबाइल कॉलिंग की सुविधा ही शुरू की गई है।