नई दिल्ली : एयर इंडिया के पायलट ने अपने निलंबन के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
शराब सेवन के लिए किए गए उसके परीक्षण का नतीजा पॉजिटिव आया था जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। अपने बचाव में पायलट ने कहा है कि उसने अपने बालों के गिरने को रोकने के लिए दवा ली थी जिसमें एल्काहोल की मात्रा थी और यही चीज श्वास विश्लेषक (बीए) परीक्षण में दिखाई दी।
सुनवाई के दौरान, कैप्टन अमित त्यागी के वकील ने न्यायाधीश विभू बाखरू को बताया कि उड़ान से पहले के बीए टेस्ट में 0.16 और 0.20 के बीच की रीडिंग दिखाई गई, जो कि 0.40 के अंतर्राष्ट्रीय अनुमेय मानक से कम थी।
एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने मई 2018 में त्यागी को निलंबित कर दिया था। डीजीसीए ने अदालत को बताया कि अनुमेय शराब के स्तर के लिए इसका मानक शून्य का है।
इस साल अप्रैल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा निलंबन के आदेश को बरकरार रखा गया था। निलंबित पायलट ने कहा है कि उसने बीए परीक्षण के तुरंत बाद एक निजी लैब में रक्त और मूत्र की जांच करवाई, जिसमें उसके शरीर में शराब की कोई मौजूदगी दर्ज नहीं की गई।
डीजीसीए ने कहा कि एक बार पहले भी पायलट का शराब को लेकर परीक्षण सकारात्मक रहा था, उसने तब दावा किया था कि कफ सिरप के कारण ऐसे परिणाम आए हैं। न्यायाधीश बखरू ने पूछा कि क्या अल्कोहल वाले कॉस्मेटिक बीए परीक्षण में दिखाई देते हैं।
अदालत ने आगे सवाल किया कि क्या बीए टेस्ट में परफ्यूम तक में भी इस अल्कोहल प्रकृति के अवशेष पकड़ में आते हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई को 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करते हुए डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जवाब मांगा है।