नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति अकील कुरैशी की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नति में देरी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई अगस्त के पहले हफ्ते में करेगा।
महान्यायवादी तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि न्यायमूर्ति कुरेशी की प्रोन्नति से जुड़ा मामला अभी भी विचाराधीन है और अदालत के समक्ष केंद्र का जवाब रखने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा।
गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील एफ.एस. नरीमन ने कहा कि केंद्र सरकार को कॉलेजियम की सिफारिश पर विशिष्ट संचारक की तरह कार्य करना चाहिए।
नरीमन ने केंद्र से स्पष्ट करने को कहा कि क्या उसने मध्य प्रदेश सरकार से मामले पर विचार मांगा है? प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त तय कर दी।
इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने याचिकाकर्ता गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ से याचिका की एक प्रति महान्यायवादी मेहता को इस मामले में सहयोग देने को कहा था।
अधिवक्ता संघ ने कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति कुरेशी की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की फाइल को मंजूरी नहीं दी थी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 10 मई को न्यायमूर्ति कुरेशी के नाम की सिफारिश की थी। कुरेशी इस समय गुजरात उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त होने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं।