एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा करने के बाद, शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और सभी जरुरी सामाग्रियों के रखरखाव जैसे बिजली, टेलीकम्युनिकेशन, स्वास्थ्य, पीने का पानी समेत अन्य चीजों को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही तूफान से क्षति होने की स्थिति में इन चीजों को जल्द से जल्द बहाल करने के आदेश दिए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने नियंत्रण कक्षों के 24 घंटों तैनात रहने के भी निर्देश दिए।
विज्ञप्ति के अनुसार, एनडीआरएफ ने नौकाओं, ट्री-कटर्स, टेलीकॉम सामग्रियों के साथ अपनी 26 टीमों को तैनात किया है और गुजरात सरकार के आग्रह के आधार पर अन्य 10 टीमों को तैयार कर रही है। भारतीय तट रक्षक, नौसेना, थल सेना और वायु सेना को तैयार रखा गया है और निरीक्षक विमान और हेलीकॉप्टर हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान लगाया है कि चक्रवाती तूफान वायु वारावल और दीव क्षेत्र में पोरबंदर और माहुवा के बीच गुजरात तट पर 13 जून को तड़के टकरा सकता है। इसकी गति संभवत: 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे होगी जोकि बढ़कर 135 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है।
चक्रवाती तूफान से गुजरात के तटीय जिलों में भारी बारिश होने की उम्मीद है। इसके साथ ही 1 से 1.5 तक ज्वार उठने की उम्मीद है जिससे कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली और भावनगर के निचले जिलों में पानी भरने की संभावना है।
बैठक में गृह सचिव, भूविज्ञान के सचिव, आईएमडी और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
–आईएएनएस