प्रदीप शर्मा
हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर की रेप के बाद निर्मम हत्या से देशभर में उबाल है। सोमवार को इस मामले की गूंज संसद में भी सुनाई दी। दोनों सदनों में सभी दलों के सदस्य इस जघन्य कांड पर बेहद आक्रोशित नजर आए। सांसदों ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी के लिए कानून को और कड़ा करने की वकालत की। राज्यसभा में तो समाजवादी पार्टी की सांसद और बॉलिवुड ऐक्ट्रेस जया बच्चन तो इस घटना से इस कदर आक्रोशित थीं कि उन्होंने बलात्कारियों को भीड़ के हवाले कर डालने का सुझाव दे डाला। राज्यसभा के सभापति जया के इस सुझाव से थोड़ा हैरान नजर आए। लोकसभा में सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार दोषियों को फांसी दिलाने के लिए कानून को और कड़ा करने के लिए तैयार है।
सदस्यों की बात खत्म होने पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह की अमानवीय घटना से कानून के जरिए नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति से निपटा जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बलात्कार जैसी हैवानियत पर रोक लगाने में नए-नए कानूनों की जगह राजनीतिक इच्छाशक्ति ही कारगर हो सकती है। उन्होंने कहा कि अभी फास्ट ट्रैक कोर्ट से भी सजा मिलती है तो अपील पर अपील करने के चलन के कारण मुजरिम बचता चला जाता है। उन्होंने कहा, ‘फास्ट ट्रैक के बाद भी अपील पर अपील की इतनी लंबी प्रक्रिया है कि सब खत्म हो जाता है। क्या ऐसे लोगों पर दया करनी चाहिए? और कोर्ट से सजा मिलने के बाद राज्य सरकार, फिर केंद्र सरकार, फिर गृह मंत्रालय और फिर राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने की व्यववस्था क्यों है?’ नायडू ने कहा, ‘पुलिस, शिक्षा, संचार प्रणाली से लेकर सामाजिक स्तर पर बदलाव के कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा, यह सामाजिक कमजोरी है, यह सामाजिक बीमारी है। आरोपियों का फोटो हर जगर फैलाना चाहिए, हर जगह प्रकाशित होना चाहिए। उनकी पहचान होनी चाहिए।’
इससे पहले राजनाथ सिंह ने हैदराबाद की घटना को बेहद अमानवीय बताते हुए कहा कि सभी दलों के सदस्य कानून को जितना कठोर बनाना चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से कहा कि अगर इस मामले पर सदन में चर्चा की जरूरत महसूस हो रही हो तो सरकार तैयार है। राजनाथ ने कहा, ‘हैदराबाद की जो घटना घटी है, मैं मानता हूं कि इससे बड़ा दूसरा कोई अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता है। सदन में सभी दलों के सदस्यों ने इस घटना के आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग की। निर्भया कांड के बाद कठोर कानून बना था। सदन में चर्चा कराना चाहते हैं तो चर्चा कराइए। सदन का सुझाव आने दीजिए। सरकार इस मामले में जो कुछ भी करना होगा, करने को तैयार है। हम सबकी सहमति से कठोरतम कानून बनाने को तैयार हैं।’
राज्यसभा में चर्चा के दौरान एसपी सांसद जया बच्चन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं और बेहद कड़ी टिप्पणी कर दीं। उन्होंने सभापति वेंकैया नायडू से मुखातिब होते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को भीड़ के हवाले कर दिया जाना चाहिए और उन्हें लिंच कर देना चाहिए। जया के इस सुझाव पर सभापति असहज भी हो गए और उन्होंने ‘लिंच्ड’ शब्द पर हैरानी जताई।
जया ने कहा कि इस तरह के अत्याचार पर सदन कितनी ही बार चर्चा कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘पता नहीं कि हम कितनी बार इस पर चर्चा करते हैं। हैदराबाद हुआ, निर्भया हुआ, कठुआ हुआ। मुझे लगता है कि इस पर सरकार से इस पर सवाल पूछा जाना चाहिए और उन्हें इस पर सटीक जवाब देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘इस बार सरकार से पूछा जाना चाहिए कि क्या हुआ, उन्होंने इससे कैसे टैकल किया और इसमें इन लोगों को अब तक कितना न्याय मिला है?’ जया ने हैदराबाद की घटना में वहां सुरक्षा-व्यवस्था में लगे लोगों की कोताही का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह जो घटना हैदराबाद में हुई, उससे पहले दिन भी उसी जगह एक हादसा हुआ। क्या वहां के जो सिक्यॉरिटी इनचार्ज हैं, क्या आपको नहीं लगता है कि उनसे सवाल करना चाहिए कि वह इलाके को सुरक्षित क्यों नहीं कर सके? इन लोगों को पूरे देश के सामने शर्मिंदा करना चाहिए, ये लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं।’