देहरादून : हाल ही में कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे चुके उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजनीति छोड़ने के संकेतों के बीच रविवार को कहा कि वह अपनी पारी खेल चुके हैं और वह पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अपने अगले कदम पर विचार करेंगे।
पिछले एक सप्ताह के दौरान पूरे राज्य का भ्रमण करने के बाद रावत ने कहा, मैं अपनी पारी खेल चुका हूं। लेकिन मैं अपना अगला कदम राहुल गांधी से मिलने के बाद तय करूंगा।
रावत ने तीन जुलाई को सोशल मीडिया पर बयान दिया था कि लोकसभा चुनाव में असम में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने कांग्रेस महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह असम में पार्टी के प्रभारी थे।
रावत ने ट्वीट किया था, मैंने अपनी कमजोरी महसूस की है और पार्टी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। हाल ही में स्थानीय मीडिया संस्थानों को दिए विभिन्न साक्षात्कारों में उन्होंने कहा है कि वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर क्या वर राजनीति छोड़ना चाहते हैं? रावत ने कहा कि वह कांग्रेस की सेवा करते रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मैंने कांग्रेस के लिए अथक काम किया है। मैं कह सकता हूं कि मैं सिर्फ सोते वक्त काम नहीं करता।
रावत ने यह भी कहा कि वह यह समझने के लिए देश के विभिन्न भागों का दौरा कर रहे हैं कि कांग्रेस से चुनाव में गलतियां कहां हुईं। उन्होंने कहा, चुनाव परिणाम आने के बाद से मैंने असम, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों का दौरा किया है। मैं यह जानना चाहता था कि हमारे साथ गलती कहां हुई।
रावत ने कहा कि उनके जैसे व्यक्ति के लिए पार्टी के प्रति समर्पित होकर काम करने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी नेता में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के गुण होने चाहिए और सिर्फ राहुल गांधी में ऐसे प्रेरक गुण हैं।
उन्होंने कहा, कांग्रेस की लगाम अगर राहुल गांधी के हाथ में रहती है तो हम 2022 में स्थिति बदल सकते हैं, जब कुछ राज्यों में चुनाव होंगे। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2024 के आम चुनाव में हराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए लोकतांत्रिक तत्व और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं। उल्लेखनीय यह है कि रावत मीडिया के एक हिस्से में इस तरह के बयान अतीत में भी दे चुके हैं, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हुई थी।