नई दिल्ली : भारत की प्राथमिक फुटबाल लीग आई-लीग के क्लब अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के साथ मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं।
आई-लीग का मौजूदा सीजन 2018-19 अपने अंत की ओर है और ऐसे में एक बार फिर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आई-लीग के विलय का सवाल खड़ा हो गया है। इस संबंध में चर्चा बीते कुछ वर्षो से चल रही है।
अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की बात की जाए तो यह आई-लीग का आखिरी सत्र होगा और ऐसी खबरों ने आई-लीग क्लबों की नींद उड़ा रखी है।
आई-लीग के आठ क्लबों -आईजोल एफसी, चेन्नई सिटी, चर्चिल ब्रदर्स, गोकुलाम केरला, मिनर्वा पंजाब, मोहन बागान, नेरोका और ईस्ट बंगाल- ने पटेल को पत्र लिख कर अपने भविष्य पर चर्चा करने का समय मांगा है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। जिन क्लबों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उनमें रियल कश्मीर, शिलांग लाजोंग और एआईएफएफ की टीम इंडियन एरोज के नाम शामिल हैं।
मिनर्वा पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी, जिन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, उन्होंने आईएएनएस से कहा, हमें महासंघ से बैठक को लेकर कोई भी जवाब नहीं मिला है।
एशियन फुटबाल परिसंघ (एएफसी) का संविधान एक देश को दो लीग एक साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं देता।
एएफसी ने एआईएफएफ को दोनों लीगों के विलय का रोडमैप सौंप दिया है, लेकिन इसे लागू करने का काम काफी कठिन है। इसके लिए आईएसएल और आई-लीग क्लबों के हितधारकों का एक होना बेहद जरूरी है।
आई-लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर ने आईएएनएस से कहा कि अध्यक्ष ने अभी बैठक की तारीख को लेकर पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा, हमें एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल से अभी भी बैठक के लिए तारीख मिलने का इंतजार है।