चंडीगढ़ : मादक पदार्थों की तस्करी पर शिकंजा कसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मादक पदार्थ तस्करों के साथ संलिप्त पुलिस अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का शुक्रवार को आदेश दिया। उन्होंने खास तौर से सीमावर्ती जिलों में तैनात अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही।
मादक पदार्थ के खतरे से निपटने के लिए गठित विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस प्रमुख को गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त पुलिसकर्मियों के साथ कड़ाई से निपटने के सख्त निर्देश जारी किए।
उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को सभी सीमावर्ती जिलों में दो एसटीएफ की टीमें गठित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दोषी पुलिस अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।
जगदीश भोला मामले में सहअपराधियों के प्रत्यर्पण व मामले पर नजर रखे जाने पर उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि इस मामले को विदेश मंत्रालय के साथ उठाया जाए, ताकि सभी आरोपियों पर जल्द से जल्द मामला दर्ज हो सके।
फरवरी में एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय पहलवान व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भोला को विशेष सीबीआई अदालत ने करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ रैकेट मामले में दोषी करार दिया और सजा सुनाई। इसे पंजाब का सबसे बड़ा रैकेट बताया गया। इसका भंडाफोड़ 2013 में हुआ।
अमरिंदर सिंह ने राज्य के महाधिवक्ता को सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वकीलों, कानूनी विशेषज्ञों और न्यायविदों सहित प्रख्यात कानूनी जानकारों का एक पैनल गठित करने के लिए कहा, ताकि पुलिस कर्मियों को अदालतों में अपने मामलों को प्रभावी ढंग से पेश करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थो के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने में कार्यक्रमों की सफलता की सराहना की। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) से कहा कि वह एम्स नई दिल्ली द्वारा ओओएटी क्लिनिकों में नशामुक्ति कार्यो के मूल्यांकन का अध्ययन करें, जिससे आगे उसका इस्तेमाल क्लिनिकों में किया जा सके।