नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को एसएफआईओ को खुली छूट देते हुए कहा कि वह आईएलएंडएफएस के पिछले पांच सालों के बही-खातों को फिर से खोल सकती है तथा फिर से व्यवस्थित कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने अपने 10 मई के आदेश में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के खातों के खोलने के आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन मंगलवार को उसने इस रोक को हटा दिया।
यह आदेश आईएलएंडएफएस के पिछले प्रबंधन के लिए झटका है, जिसमें पूर्व प्रबंध निदेशक हरि शंकरन शामिल हैं, जो एनसीएएलटी के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय गए थे और कहा था कि यह आदेश देने से पहले उनके द्वारा रखे गए तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया।
शंकरन को गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने आईएलएंडएफएस और उससे जुड़ी कंपनियों के कर्ज चूक जांच के दौरान गिरफ्तार किया।
एनसीएएलटी ने आईएलएंडएफएस लि., आईएलएंडएफएस फाइनेंसियल सर्विसिस लि. और आईएलएंडएएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स लि. के पिछले पांच सालों के सभी खातों को फिर से खोलने और फिर से व्यवस्थित करने का आदेश दिया था।