प्रदीप शर्मा
यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ती तल्खी और युद्ध के गहराते संकट के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सभा पक्षों के बीच कूटनीटिक और राजनयिक बातचीत का आह्वान किया है. भारत ने कहा है कि सैन्य वृद्धि हमारे लिए ठीक नहीं हो सकता है।
यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “रूस-यूक्रेन संकट की तत्काल प्राथमिकता डी-एस्केलेशन है. सीमा पर सैन्य वृद्धि हमारे लिए सही कदम नहीं हो सकता है. हम सभी पक्षों से संयम का आह्वान करते हैं. हम आश्वस्त हैं कि यह मुद्दा केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. हमें तनाव को कम करने की कोशिश करने वाली पार्टियों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है.”
तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।
तिरुमूर्ति ने कहा, दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है. उन्होंने कहा कि 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीयों की भलाई हमारी भी प्राथमिकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों Donetsk और Lugansk की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ने राज्य द्वारा संचालित टेलीविजन पर प्रसारित अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों इलाकों की स्वतंत्रता की मान्यता दी. रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव बढ़ने की आशंका गहरा गई है।