इंद्र वशिष्ठ
सावधान- मेट्रो रेल मे सफर के दौरान चौकन्ने रहें , खास तौर पर उतरते समय वर्ना नकदी और कीमती सामान गंवा देंगे । संदिग्ध पुरुष ही नहीं संदिग्ध महिलाओं से भी बचे सतर्क रहे। मेट्रो में पुरुष चोरों से ज्यादा महिलाओं/ चोरनियों के गिरोह सक्रिय हैं।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के आंकड़ों से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
सीआईएसएफ मेट्रो में सक्रिय जेबकतरों को पहचानने और मेट्रो परिसर से उन्हें बाहर करने की लगातार कोशिश करता रहता है लेकिन लोगों को खुद भी चौकन्ना रहना चाहिए।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक राजेश रंजन द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में मेट्रो परिसर में संदिग्ध जेबकतरों को पहचानने के लिए 111 बार अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान 498 संदिग्ध जेबकतरों को पहचान कर उन्हें मेट्रो परिसर से बाहर किया गया।
सीआईएसएफ द्वारा दिए गए आंकड़ों से यह चौकन्ने वाली जानकारी सामने आई है कि 498 संदिग्ध जेबकतरों में से 470 महिलाएं हैं। सिर्फ 28 पुरुष है।
जनवरी 2019 में भी सीआईएसएफ ने संदिग्ध जेबकतरों को पहचानने के लिए 15 बार अभियान चलाया।इस अभियान के दौरान भी 15 संदिग्ध महिलाओं को पहचानने के बाद उन्हें मेट्रो परिसर से बाहर किया गया। जनवरी में इस अभियान के तहत एक भी संदिग्ध पुरुष जेबकतरा नहीं मिला।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि मेट्रो चोरनियों के चंगुल में है।
कंधे पर बैग निशाना— चोर-चोरनी के गिरोह कंधे पर बैग लटकाने वाले को निशाना बनाते है। दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़ी गई महिला चोरों ने पूछताछ में बताया कि उनको अंदाजा रहता है कि महिलाए नकदी और जेवर आदि छोटे पर्स में रख कर उसे बैग में रखती है। कंधे पर बैग लटका कर सफर करने वाली महिला को चोरनियों का गिरोह घेर कर खड़ा हो जाता है। मेट्रो के अंदर, उतरते समय या एस्केलेटर पर जहां भी मौका मिला भीड़ की आड़ में ये चोरनियां बैग की जिप खोल कर सामान चोरी कर लेती है । चोरी करने वाली माल तुरन्त अपनी साथियों को पास कर देती है।
मोबाइल और लैपटाप –-जेबकत्तरे पर्स चोरी करने के अलावा मोबाइल और लैपटाप चोरी करते है।
मेट्रो में चोरी की वारदात बेतहाशा बढ़ रही है । जेबकाटते या बैग से चोरी करते हुए अपराधियों के फोटो सीसीटीवी कैमरों में कई बार पाए गए है। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस जेबकत्तरों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
इन स्टेशनों पर रहें चौकन्ना— दिल्ली पुलिस के अनुसार जेबकत्तरों के गिरोह भीड़ भाड़ वाले राजीव चौक , कश्मीरी गेट.चांदनी चौक और चावड़ी बाजार स्टेशनों पर सबसे ज्यादा सक्रिय है। मेट्रो में बढ़ती भीड़ जेबकत्तरों के लिए माहौल मुफीद बना देती है। मेट्रो में सवार होते समय लोगों द्वारा की जानी वाली धक्का मुक्की भी जेबकत्तरों और चोरों को मौका देती है।
मेट्रो में रोजाना लगभग 30 लाख लोग सफर करते है। 239 मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है।
मेट्रो में होने वाले अपराध की रोकथाम और जांच का जिम्मा पुलिस के पास है। दिल्ली में मेट्रो स्टेशन मेट्रो के 16 थानों के अधीन आते है।
ऐसी चोरनियों भी है जो सालों से मेट्रो में चोरी कर रही हैं कई बार पकड़ी भी जा चुकी है लेकिन जेल से छूटने के बाद फिर से मेट्रो में वारदात करने लगती हैं।
25 लाख के हीरों के जेवरात–मेट्रो मे साल 2016 में 25 लाख के हीरों के जेवरात की चोरी को महिला चोर पूजा ने अंजाम दिया था । पूजा मेट्रो में एक दशक से भी ज्यादा समय से चोरी कर रही है। मेट्रो में चोरी के आरोप में पूजा को 2002 और 2015 में भी गिरफ्तार किया गया था ।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्वर्ण जयंती-
सीआईएसएफ अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहा है।
बल की स्थापना 10 मार्च 1969 को हुई थी।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक राजेश रंजन ने बताया कि सीआईएसएफ के 156000 जवान देश के 345 महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान कर रहे है।
सीआईएसएफ का सुरक्षा कवच–
सीआईएसएफ के सुरक्षा कवच में 61 एयरपोर्ट , परमाणु एवं अंतरिक्ष संस्थान, समुद्री बंदरगाह, बिजली उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र, इस्पात, कोयला, अन्य खनन के क्षेत्र,तेल प्रतिष्ठान, दिल्ली मेट्रो, सरकारी भवनों, संग्रहालयों के अलावा ताजमहल और लाल किला जैसे ऐतिहासिक स्मारक आदि शामिल हैं।
वीवीआईपी की सुरक्षा —
सीआईएसएफ के स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (एस एस जी) द्वारा विभिन्न श्रेणियों के 83 विशिष्ट लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
102 प्रतिष्ठानों में सीआईएसएफ द्वारा अग्नि शमन सेवा भी प्रदान की जा रही है।
नक्सल और आतंक प्रभावित क्षेत्रों में भी सीआईएसएफ तैनात–
जम्मू कश्मीर में 9 , नक्सल प्रभावित इलाकों में 49 और उत्तर पूर्वी राज्यों में सीआईएसएफ की 29 इकाईयां तैनात हैं।
दिल्ली मेट्रो में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की महिला कर्मी —
फिलोपीनो मार्शल आर्ट ” पैकिटी- तिरसिया- काली ” में प्रशिक्षित सीआईएसएफ की महिला कर्मियों को महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इनके द्वारा आपरेशन काली चलाया जाता है। जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में यात्रा कर रहे पुरुष यात्रियों को उतारा जाता हैं। ये महिला कर्मी असामजिक तत्त्वों से निपटने में सक्षम हैं। मेट्रो परिसर में महिलाओं पर होने वाले अपराध को रोकना, महिला यात्रियों में सुरक्षित यात्रा के लिए विश्वास पैदा करना और महिला यात्रियों की सहायता करने के लिए सीआईएसएफ की महिला कर्मियों के यह समर्पित ग्रुप कार्य कर रहे हैं।