कोच्चि, 27 जनवरी (आईएएनएस)। नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केरल के इकलौते मंत्री के.जे.अल्फोंस ने रविवार को मलयाली लोगों के तौर-तरीकों पर नाराजगी जताई और इसे उस डीएनए से जोड़ा जिसमें किसी की उपलब्धि से ईष्र्या करना सामान्य है।
अल्फोंस ने यहां मीडिया से कहा, जब कभी भी कोई मलयाली कोई उपलब्धि हासिल करता है तो मलयालियों की खासियत है कि वे चीजों को खराब तरीके से देखते हैं। मलयालियों में दूसरे मलयाली की उपलब्धि से ईष्र्या करने की डीएनए समस्या है।
वह राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख टी.पी.सेनकुमार के शनिवार को दिए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें सेनकुमार ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एस.नांबि नारायण को औसत से कम दर्जे का वैज्ञानिक कहा था। उन्होंने कहा था कि अभी इसरो में काम कर रहे किसी भी वैज्ञानिक से एस. नांबी नारायण के योगदान के बारे में पूछ कर देखिए।
नारायण को केंद्र ने पद्म भूषण से सम्मानित करने का फैसला किया है।
अल्फोंस ने कहा, इस रवैये को बदलना होगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाता कि यह आदत मलयालियों में इतनी आम क्यों है। मलयालियों को खुश होना चाहिए कि किसी मलयाली के काम को पहचान मिली है लेकिन कोई भी मलयाली किसी अन्य मलयाली को कोई उपलब्धि हासिल करते नहीं देखना चाहता।
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