नई दिल्ली : लोकसभा में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने कोलकाता में सीबीआई कार्रवाई के खिलाफ जमकर हंगामा किया और इसे राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एजेंसी का दुरुपयोग बताया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के तुरंत बाद, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता अपनी जगहों पर खड़े हो गए। कुछ देर बाद वे विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप खड़े हो गए और सीबीआई व केद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से सदन के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करने का आग्रह किया।
लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया। सदन में हंगामा जारी रहने के बाद, महाजन ने सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले शून्यकाल में मुद्दा उठाते हुए, तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने पश्चिम बंगाल की स्थिति को एक संवैधानिक संकट करार दिया और केंद्र पर सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षियों की आवाज दबाने के लिए करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, बिना किसी पूर्व अनुमति, अदालत से बिना किसी विशिष्ट आदेश के सीबीआई की 40 सदस्यीय टीम कोलकाता पुलिस आयुक्त के आवास पहुंच गई और वे कोलकाता के पुलिस आयुक्त से पूछताछ करना चाहते थे।
रॉय ने कहा, मुख्यमंत्री पुलिस आयुक्त के आवास गईं और उन्होंने विरोध किया, लेकिन लोग रुके नहीं। फलस्वरूप, मुख्यमंत्री बीती रात से धरने पर बैठी हुई हैं।
रॉय ने कहा कि मुख्यमंत्री गैर-भाजपा सरकारों के विरुद्ध सीबीआई के दुरुपयोग को दर्शाने के लिए सत्याग्रह कर रही हैं।
उन्होंने कहा, वे लोग ऐसा 19 जनवरी की रैली के बाद से कर रहे हैं, जहां 22 राजनीतिक पार्टियां मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए एकत्रित हुई थीं। वे लोग लगातार सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षियों की आवाज दबाने और उन्हें डराने के लिए कर रहे हैं। देश ने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पर कब्जा जमाने के लिए केंद्र सरकार के विरुद्ध सीबीआई का इस्तेमाल अवैध रूप से किया जा रहा है। रॉय ने कहा, वे इस तरह कामयाब नहीं हो पाएंगे। चुनाव में उन्हें बड़ा जीरो मिलेगा।
कांग्रेस, राकांपा, राजद, सपा और बीजद ने भी सीबीआई के इस कदम की आलोचना की। बीजद के भर्तृहरि महताब ने केंद्र पर सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षियों के विरुद्ध हथियार के रूप में करने का आरोप लगाया।
महताब ने कहा, कल की घटना सीबीआई की ईमानदारी पर सवाल था। जिस तरह से सीबीआई की कार्यवाही चल रही है, वह पेशेवर नहीं है। हम बनाना रिपब्लिक का हिस्सा नहीं हैं। यह बंद होना चाहिए।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर निशाना साधा और केंद्र पर सीबीआई का इस्तेमाल कर विपक्ष को समाप्त करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ऐसी ही घटनाएं लखनऊ, चेन्नई और कई अन्य जगहों पर हुईं, लेकिन कोई भी पार्टी आपके अवैध कदमों के आगे नहीं झुकेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन आरोपों को निराधार बताया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने को असामान्य घटना कहा।
उन्होंने सीबीआई को उसके कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने देने के कोलकाता पुलिस के कदम को देश की संघीय प्रणाली के लिए खतरा बताया।
उन्होंने कहा, सीबीआई करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले की जांच कर रही है और इसी संबंध में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करना चाहती थी। यह घोटाला चूंकि कई राज्यों में हुआ था, इसलिए मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया। दो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तनातनी दुर्भाग्यपूर्ण है और संघीय ढांचे के लिए खतरा है।
भाजपा नेता ने सदन को बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इसके साथ ही गृहमंत्री ने राज्य सरकार से एक अनुकूल माहौल में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को काम करने देने का आग्रह किया।
राजनाथ जब अपना बयान दे रहे थे, तृणमूल के सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और केंद्र के विरुद्ध नारे लगाने लगे।
उनका साथ सपा, राजद और तेदेपा के सदस्यों ने दिया।
हंगामे के बीच, अध्यक्ष महाजन ने शून्यकाल चलाने की कोशिश की और सदस्यों से सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न नहीं करने का आग्रह किया, लेकिन सदस्यों पर उनकी इस अपील का कोई असर नहीं हुआ।
महाजन ने तब अपराह्न् दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इससे पहले, विपक्षी सदस्यों ने भी इसी मुद्दे को लेकर शून्यकाल में मुद्दा उठाया था, जिससे सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा था।