नई दिल्ली/लंदन:खाड़ी में उत्पन्न हुए ताजा तनाव के बीच ईरान द्वारा होरमज की खाड़ी में जब्त किए गए ब्रिटिश झंडे वाले तेल टैंकर के 23 क्रू सदस्यों में भारतीय भी शामिल हैं।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने ब्रिटिश झंडे वाले जहाज-स्टेना इम्पेरो को शुक्रवार को जब्त किया है, जिसमें 23 क्रू सदस्य हैं। क्रू सदस्यों में भारतीय, रूसी, लातवियाई और फिलिपिनो देशों नागरिक शामिल हैं।
पोत की मालिक व शिपिंग कंपनी स्टेना बल्क ने एक बयान में कहा कि टैंकर को होरमज की खाड़ी को पार करने के दौरान जब जहाज अंतर्राष्ट्रीय जल में था तभी अज्ञात छोटे से नावों और एक हेलीकॉप्टर द्वारा उससे संपर्क किया गया था। पोत अब ईरान के उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जिसकी वजह से हम संपर्क साधने में असमर्थ हैं।
ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड सेना ने अपने वेबसाइट पर बयान जारी कर कहा है कि जहाज को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों और विनियमों का पालन न करने पर जब्त कर लिया गया और उसे एक अज्ञात ईरानी बंदरगाह में ले जाया जा रहा है।
स्टेना बल्क ने कहा, उनमें से किसी को भी चोट नहीं आई है और उनकी सुरक्षा मालिकों और प्रबंधकों दोनों के लिए चिंता का विषय है।
बाद में, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक लाइबेरियन-ध्वज वाले टैंकर मेसदार को भी जब्त कर लिया। टैंकर के मालिक ने बाद में कहा कि जहाज को जाने देने से पहले उस पर थोड़ी देर के लिए सशस्त्र गार्ड सवार हुए थे।
ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी फार्स ने ट्वीट किया कि मेसडर ईरान के क्षेत्रीय जलक्षेत्र से निकल चुका है।
ब्रिटीश के विदेश सचिव जेरेमी हंट ने तेल टैंकर की जब्ती को अस्वीकार्य बताया है।
उन्होंने कहा, यह आवश्यक है कि नेविगेशन की स्वतंत्रता बनी रहे और सभी जहाज सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
स्थिति के जल्द सामान्य नहीं होने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी देते हुए हंट ने स्काई न्यूज को बताया, हम सैन्य विकल्पों पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम स्थिति को हल करने के लिए एक कूटनीतिक तरीकों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन बिल्कुल स्पष्ट हैं कि इसे हल किया जाना ही चाहिए।
वहीं, ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ईरान अपने रंग दिखा रहा है। ट्रंप ने आगे कहा, ईरान अब बड़ी मुसीबत में फंस चुका है। उनकी अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। हमारे लिए इसे सही करना उतना ही आसान है जितना बिगाड़ना।
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