बर्मिघम :खराब फॉर्म के कारण केदार जाधव को आईसीसी विश्व कप-2019 में बांग्लादेश के खिलाफ एजबेस्टन में खेले जा रहे मैच में अंतिम-11 से बाहर जाना पड़ा और उनके स्थान पर दिनेश कार्तिक को मौका मिला। कार्तिक के आने से भारत की अंतिम-11 में चार विकेटकीपर हो गए।
कार्तिक के अलावा दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और युवा ऋषभ पंत हैं जो विकेटकीपर हैं। साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए नियमित विकेटकीपर की भूमिका निभाने वाले लोकेश राहुल भी हैं। इन सभी को मिलाकर भारतीय टीम चार विकेटकीपरों के साथ खेल रही है।
इंग्लैंड भी दो विकेटकीपरों जॉनी बेयरस्टो और जोस बटलर के साथ लंबे समय से खेलती आ रही है, लेकिन चार विकेटकीपरों (जिसमें से तीन बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं) के साथ खेलना, इस बारे में चयनकर्ताओं ने तब नहीं सोचा होगा जब विश्व कप के लिए भारतीय टीम का चयन किया गया था।
विश्व कप टीम का ऐलान करते हुए मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के प्रसाद ने यहां तक कहा था कि पंत को इसलिए टीम में नहीं चुना गया क्योंकि कार्तिक उनसे ज्यादा अनुभवी हैं और वह तभी खेलेंगे जब धोनी नहीं होंगे।
पंत टीम में नहीं थे। उन्हें शिखर धवन के चोटिल होने के बाद टीम में जगह मिली है।
प्रसाद ने कहा था, दूसरा विकेटकीपर तभी खेलेगा जब धोनी नहीं होंगे। हमने कार्तिक को इसलिए चुना क्योंकि वह अनुभवी हैं।
लेकिन, शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था। पंत को चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज किया था लेकिन वह शिखर धवन के चोटिल होने के बाद टीम में आए और कार्तिक पर उन्हें तरजीह मिली। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने विश्व कप पदार्पण किया।
राहुल ने विश्व कप से पहले आईएएनएस से कहा था कि उनका विकेटकीपर की भूमिका में आना तभी होगा जब टीम में संतुलन बिठाना होगा।
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