प्रयागराज : यहां हो रहे कुंभ मेले में ट्रांसजेंडर समाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े को शामिल किए जाने से भारी भीड़ आकृष्ट हो रही है। यहां मंगलवार को त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सदस्य जूना अखाड़े के पुरुष साधुओं के साथ लंबे जुलूस में शामिल होकर पवित्र संगम पहुंचे। इससे पहले यहां अधिकतर पारंपरिक नियमों का पालन किया गया।
ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने मकर संक्रांति के मौके पर पवित्र डुबकी लगाई और हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु जमा हुए थे।
त्रिपाठी ने आईएएनएस से कहा, हमारे धार्मिक ग्रंथ बताते है कि प्राचीन भारत में ट्रांसजेंडर को कितना महत्व दिया गया था। मैं निश्चिंत हूं कि यह ज्यादा स्वतंत्रता और लोगों के बीच स्वीकार्यता के आह्वान के लिए हमारे समुदाय के लोगों का उत्साह बढ़ाएगा।
प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना होने के अलावा 1979 में जन्मे त्रिपाठी ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने कहा कि पवित्र डुबकी भारत में हमारे समुदाय के लोगों के लिए नए युग की शुरुआत है। त्रिपाठी ने इसके साथ ही कहा कि हमारे समुदाय के लिए नौकरी एक सबसे बड़ी समस्या है।
इस ओर इशारा करते हुए कि नियोक्ता अभी भी ट्रांसजेंडरों को नौकरियां देने से कतराते हैं, उन्होंने पूछा, आप क्या सोचते हैं कि अधिकतर हिजड़े भिखारी होते हैं। त्रिपाठी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को भी स्कूलों और कॉलेजों में स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए उदारता दिखाने की जरूरत है।