रावलपिंडी : पाकिस्तान में पुलिस को इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी वाले जानवरों की खाल किसी भी कीमत पर प्रतिबंधित संगठनों के हाथ नहीं लगनी चाहिए। ऐसे कई संगठन नाम बदलकर खाल हड़पने की फिराक में हैं जिन पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है।
इस्लाम धर्म के अनुसार कुर्बानी के जानवर के चमड़े को बेचकर इससे मिलने वाले धन का इस्तेमाल गरीबों के हित में और सामाजिक कार्यो के लिए किया जाता है। लेकिन, पाकिस्तान में इन चमड़ों को बेचकर इनका धन प्रतिबंधित संगठनों के खाते में पहुंचने की घटनाएं भी आम हैं जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। यह संगठन धर्मार्थ कार्य की आड़ में अपनी समाज विरोधी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने में कामयाब हो जाते हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, रावलपिंडी में पुलिस अफसरों की एक बैठक में शहर पुलिस अधिकारी (सीपीओ) फैसल राणा ने बकरीद से पहले प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों व फोर्थ शेड्यूल (जिसमें प्रतिबंधित संगठनों के संदिग्ध सदस्यों के नाम हैं) में शामिल लोगों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर अभियान शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि फोर्थ शेड्यूल में जिनका नाम है, वे बकरीद से पहले अपना घर छोड़कर कहीं नहीं जा सकें।
उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में प्रतिबंधित संगठनों के हाथ जानवरों की खाल नहीं लगनी चाहिए और जो भी संदिग्ध इसकी कोशिश करे, उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए।