नई दिल्ली : अंतरिम बजट 2019 में शिक्षा का बजट 10 फीसदी बढ़ा दिया गया है। इसमें बढ़े हुए बजट से सरकार द्वारा पिछले साल शुरू की गईं शोध परियोजनाओं में भी योगदान दिया जाएगा, वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों की फंडिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश अंतरिम बजट में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त रूप से 93,847.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसका वितरण मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए 56,386 रुपये का बजट आवंटित हुआ, जो पिछले साल के 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। चूंकि पिछले साल का बजट बाद में बढ़ा कर 50,113.75 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
इसी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उच्च शिक्षा विभाग के लिए 37,461.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो पिछले साल 35,010.29 रुपये थे। हालांकि यह राशि भी बाद में बढ़ा कर 33,512.11 रुपये हो गई थी।
यद्यपि सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का आदेश देने से इन संस्थानों के बजट में पिछले साल से कोई बदलाव नहीं दिखा।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए पिछले साल 6,445.23 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 6,498.46 करोड़ कर दिया गया। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए इस वर्ष 6604.46 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
मौजूदा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटीज) के लिए आवंटित राशि में बढ़ोतरी देखी गई। इसमें पिछले साल आवंटित राशि 5,613 करोड़ रुपये से इस वर्ष बढ़ाकर 6,143.03 करोड़ रुपये कर दी गई। नए आईआईटीज स्थापित करने के लिए हालांकि कोई राशि आवंटित नहीं हुई। सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के लिए पिछले साल के 10,500 करोड़ रुपये (बढ़ाने के बाद घटाए) की तुलना में इस वर्ष 11,000 करोड़ रुपये आवंटित किए।