नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर पदभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन रविवार को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नक्शे-कदम पर चलते हुए विदेशों में रहने वाले भारतीयों की समस्याओं का समाधान करने में ट्विटर पर सक्रिय रहे।
सुषमा स्वराज अपने कार्यकाल के दौरान ट्विटर हैंडल पर भारत के लोगों के किसी भी निवेदन का त्वरित जबाव देने के लिए चर्चित रहीं, खासतौर से विदेशों में संकट में फंसे लोगों की उन्होंने मदद की।
जयशंकर ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण किया। इसके बाद उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि उनको सुषमा स्वराज के नक्शे कदम पर चलने को लेकर गर्व है।
उन्होंने कहा, मेरा पहला ट्वीट, शुभकामनाओं के लिए आप सबको धन्यवाद। यह जिम्मेदारी मिलने पर गर्व। सुषमा स्वराज जी के पदचिन्हों पर चलने का गर्व।
उन्होंने कहा, एमईए इंडिया टीम में हम आपकी सेवा में चौबीसों घंटे तत्पर हैं। अपने सहकर्मी राज्यमंत्री मुरलीधरनजी के साथ प्रयास को आगे बढ़ाने को लेकर खुश हैं।
विदेशों में स्थित भारतीयों ने जैसे ही अपनी समस्याएं उठाईं, जयशंकर ने निकटस्थ संबद्ध भारतीय मिशन को मदद करने को कहा।
जर्मनी और इटली की यात्रा पर गई एक महिला ने बताया कि उनके परिवार के सदस्यों के पासपोर्ट चुरा लिए गए। जयशंकर ने जवाब में कहा कि रोम स्थित भारतीय दूतावास और म्युनिख स्थित कंसुल-जनरल परिवार को पूरी मदद करेंगे और संबंधित मिशन को भी सूचित किया।
विनीत नायर ने बताया कि वह और अन्य लोग ओमान में फंसे हैं। इस पर जयशंकर ने जवाब दिया, ओमान स्थित हमारे दूतावास इसका समाधान करने की कोशिश कर रहा है। कृपया उनके संपर्क में रहें।
सन् 1977 बैच के विदेश सेवा अधिकारी जयशंकर 2015 से लेकर 2018 तक विदेश सचिव रहे।
वह नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री बने हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं।
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