इंद्र वशिष्ठ
पुलवामा मेंं सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद भी पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी एक और आत्मघाती हमला करना चाहते थे। लेकिन भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के अड्डे पर हमला करने और पुलवामा हमले के मुख्य अभियुक्त के मारे जाने के कारण वह टल गया।
13800 पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल –
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्रवक्ता डीआईजी सोनिया नारंग ने बताया कि जम्मू की एनआईए अदालत मेंं पुलवामा हमले में शामिल एक युवती समेत 19 आरोपियों के खिलाफ 13800 पृष्ठ का आरोप पत्र दाखिल किया गया हैं। इनमें पाकिस्तानी आतंकी गिरोह जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, रऊफ असगर, अम्मार अल्वी और मोहम्मद इस्माईल भी शामिल है। ये सभी पाकिस्तानी आतंकवादी इस मामले में फरार हैं।
सात गिरफ्तार-
इस मामले में पुलवामा के शाकिर बशीर , इंशा जांं, पीर तारिक अहमद शाह, मोहम्मद अब्बास राठर, बिलाल अहमद कुची, श्रीनगर निवासी वाइज उल इस्लाम निवासी , बडगाम निवासी मोहम्मद इकबाल राठर को गिरफ्तार किया गया है।
6 मारे गए–
हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी कारी यासिर, मोहम्मद कामरान, मोहम्मद उमर फारूक और भारतीय आतंकवादी पुलवामा का आदिल अहमद डार, मुदासिर अहमद खान, अनंन्त नाग का सज्जाद अहमद बट सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा चुके हैं।
6 की तलाश –
इस मामले में चार पाकिस्तानी आतंकवादियों के अलावा पुलवामा के अशहाक अहमद और समीर अहमद डार की तलाशी की जा रही हैं।
अफगानिस्तान में प्रशिक्षण-
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तफ्तीश के दौरान पाया कि पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान के आतंकी गिरोह जैश ए मोहम्मद ने सुनियोजित आपराधिक साजिश रची थी। जैश ए मोहम्मद के सरगनाओं ने अपने आतंकवादियों को बम बनाने और अन्य आतंकी तरीक़ों के प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान में मौजूद अल कायदा, तालिबान, जैश ए मोहम्मद और हक्कानी के आतंकवादी प्रशिक्षण अड्डों पर भेजा था।
पुलवामा हमले का मुख्य अभियुक्त मोहम्मद उमर फारूक भी विस्फोटकों के प्रशिक्षण के लिए साल 2016-17 में आफगानिस्तान गया था। मोहम्मद उमर फारूक अप्रैल 2018 में अतंर्राष्ट्रीय सीमा पर जम्मू सांबा सेक्टर से भारत में घुसा था। वह जैश ए मोहम्मद का पुलवामा का कमांडर था। मोहम्मद उमर फारुक ने अपने पाकिस्तानी साथियों मोहम्मद कामरान,मोहम्मद इस्माईल उर्फ सैफुल्लाह, कारी यासीर और स्थानीय निवासियों समीर डार और आदिल अहमद डार के साथ मिल कर सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाई और तैयारियां की।
आतंकवादियों के पनाहगार/ मददगार गद्दार –
आरोपी शाकिर बशीर, इंशा जांं,पीर तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद कुची ने जैश ए मोहम्मद के आतंकियों को अपने घरों में पनाह दी और उनको सभी तरह की मदद/ सुविधा उपलब्ध कराई। शाकिर बशीर दिसंबर 2018 से जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे पर सुरक्षा बलों की आवाजाही, गतिविधियों और तैनाती की जानकारी जुटा रहा था।
आरडीएक्स पाकिस्तान से आया-
मुदासिर अहमद खान ने बम बनाने के लिए जिलेटिन की छडों का इंतज़ाम किया और शाकिर बशीर को दी थी। बम के लिए आरडीएक्स पाकिस्तानी आतंकवादी अपने साथ ही भारत ले कर आए थे शाकिर बशीर ने आईईडी/ बम बनाने का सामान आरडीएक्स, जिलेटिन, कैल्शियम आमोनियम नाइट्रेट और अल्युमिनियम पाउडर आदि एकत्र कर मुदासिर के घर में जमा किया।
कार खरीदी-
सज्जाद अहमद बट्ट ने आत्मघाती हमले के लिए जनवरी 2019 में मारुति ईको कार खरीदी । कार को शाकिर बशीर के घर खडी किया गया।
अमेजन से बम का सामान मंगाया-
मोहम्मद इस्माईल उर्फ सैफुल्लाह के कहने पर वाइज उल इस्लाम ने अपने अमेजन एकांउट से चार किलो अल्युमीनियम पाउडर मंगवा कर उसे दिया।
वीडियो बनाया-
आत्मघाती हमले के तुरंत बाद आतंकी गिरोह द्वारा जारी करने के लिए वीडियो मोहम्मद उमर फारूक, समीर डार और आदिल डार ने जनवरी 2019 मेंं पुलवामा के काकापोरा निवासी इंशा जांं के घर में बनाया था।
बम बनाया-
फरवरी 2019 के पहले हफ्ते मेंं मोहम्मद उमर फारूक, समीर अहमद डार, आदिल अहमद डार और शाकिर बशीर ने आरडीएक्स, कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, जिलेटिन और अल्युमीनियम पाउडर से आईईडी/ बम बनाया।
200 किलो के बम –
यह बम दो डिब्बों में रखे गए। इनमें से एक बम का वजन 160 किलो और दूसरे का वजन 40 किलो था। इन बमों को मारुति ईको में फिट कर दिया गया। आतंकवादियों ने 6 फरवरी की सुबह हमला करने के लिए यह तैयारी की थी। लेकिन उस दिन भारी बर्फ बारी के कारण नेशनल हाईवे को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था।
14 फरवरी 2019 को जैसे ही नेशनल हाईवे खुला शाकिर बशीर कार चला कर नेशनल हाईवे तक गया । वहां पहुंच कर शाकिर बशीर ने कार आदिल अहमद डार को सौंप दी। दौ सौ किलो विस्फोटक से भरी कार को आदिल नेशनल हाईवे पर ले गया और सीआरपीएफ के काफिले की बस मेंं टक्कर मार कर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए और आठ घायल हुए। 32 लाख रुपए से ज्यादा मूल्य की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ।
पाकिस्तान से निरंतर संपर्क-
एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि पाकिस्तान में मौजूद जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, रऊफ असगर और अम्मार अल्वी उर्फ चाचा उर्फ छोटा मसूद हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवदियों से हमले से पहले और हमले के बाद भी निरंतर संपर्क मेंं थे और उनको निर्देश दे रहे थे।
आत्मघाती हमला टल गया-
एनआईए को तफ्तीश मेंं यह भी पता चला कि पुलवामा हमले के बाद जैश ए मोहम्मद का इरादा एक और आत्मघाती हमला करने का था। लेकिन भारतीय वायुसेना द्वारा 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के अड्डों पर हमला करने और सुरक्षा बलों द्वारा पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक को मार दिए जाने के कारण वह टल गया। तफ्तीश में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान के शकरगढ में अड्डे (लांच पैड) बनाए हुए हैं। यह अड्डे जम्मू के सांबा कठुआ सेक्टर के सामने पाकिस्तान में है।
पुख्ता सबूत-
एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ दायर 13800 पृष्ठ के आरोप पत्र मेंं केंद्र, राज्य के अलावा अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों से मिली महत्वपूर्ण जानकारियों को भी शामिल किया है। डिजिटल, फोरेंसिक, दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्यों के साथ एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने का दावा किया है।