नई दिल्ली : जेएंडके बैंक की जांच का दायरा बढ़ गया है क्योंकि बैंक में विद्यमान कपट व्यवहार खतरे की चेतावनी है और अपराध काफी बड़ा है। बैंक के बर्खास्त चेयरमैन परवेज अहमद नेंग्रू के सचिवालय से पांच शीर्ष अधिकारियों का सोमवार को विभिन्न शाखाओं में तबादला कर दिया गया।
केंद्र सरकार ने न सिर्फ आंतक के कारखाने पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है बल्कि सरकार का ध्यान कानून प्रशासन को भी स्थापित करना है। लिहाजा, सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।
अमित शाह के नेतृत्व में गृहमंत्रालय ने आतंकवादियों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है और प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र की सफाई भी की जा रही है।
परवेज पर शिकंजा कसने के साथ इस महाजाल का भेद खुल चुका है जो कि स्पष्ट तौर पर भर्ती घोटाला है जिसमें करीब 1,200 लोगों को बैंक में नौकरियां दी गई।
पिछले साल अक्टूबर से ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक बैंक में हुई गड़बड़ी पर शिकंजा कस रहे हैं। पिछले सप्ताह इस महाजाल का भांडाफोड़ हुआ जब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के गुप्तचरों ने अपनी तलाशी के दौरान इस अपराध में दोष सिद्ध करने वाले दस्तावेज और हार्ड डिस्क जब्त किए।
राज्यपाल की अगुवाई में राज्य उत्तरदायित्व आयोग बैंक को पीएसयू में बदलना चाहता था जिसका भारी राजनीतिक विरोध शुरू हुआ और फैसले को बदलना पड़ा। शाह के गृहमंत्री बनते ही गृह मंत्रालय ने गड़बड़ी को दूर करने के लिए शिकंजा कसना शुरू किया।
इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं और ईडी, एनआईए, सीबीआई, सीबीडीटी और जम्मू-कश्मीर की विभिन्न एजेंसियों द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं।
हाल ही में आतंकियों को धन मुहैया करने के लिए जहूर वताली और कई अन्य के खिलाफ कदम उठाए गए हैं। इस दिशा में गुरुग्राम और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया करनेवालों की कई संपत्तियां जब्त की गई हैं और वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या करने के आरोप में यासीन मलिक के खिलाफ जांच शुरू की गई है।
जेएंडके बैंक के चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई इस दिशा में एक और कदम है।
परवेज नेंग्रू की विश्वसनीयता संदिग्ध रही है। संदिग्ध होने के बावजूद वह महज 15 साल में सीए से बैंक के चेयरमैन बन गए।
चेयरमैन बनने के तुरंत बाद उन्होंने अपने भतीजे (मुजफ्फर) को अपने दफ्तर में नियुक्त किया। उन्हें चेयरमैन का विश्वस्त माना जाता था।
उनकी बहू शाजिया अंब्रीन को पीओ नियुक्त किया गया जो वर्तमान में हजरतबल शाखा की प्रमुख हैं।
जेएंडके बैंक की दो शाखाएं कप्रीन सोपिया और वुयान पुलवामा उनके निजी परिसर में चलती हैं। दोनों जगहें बैंक के लिहाज से बिल्कुल अनुपयुक्त हैं।
पर्सनल मैनेजर असलम गनई परवेज के करीबी हैं और आरोप है कि बैंक में तबादले पर प्रभाव डालने में वह वाहक का काम करते थे।
आसिफ बेग और मोहम्मद फहीम एचआर और बोर्ड के मामले समेत क्रेडिट प्रस्ताव को संभालते हैं। इनमें से एक नेंग्रू के भतीजे हैं।
नेंग्रू की बहन का बेटा इफको टोकियो में काम करता है और हाल ही में जेएंडके ने कंपनी के साथ एक बीमा सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं।
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