सैफ अली, मुंगेर : बिहार में शराबबंदी को करीब तीन साल होने को है। बावजूद इसके शराब की होम डिलीवरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शराबबंदी के समय सरकार ने एलान किया था कि शराबबंदी में साथ देने वाले लोगों को सरकार के द्वारा रोजगार मुहैया करायी जाएगी। लेकिन, रोजगार नहीं मिली। शहर के किला परिसर स्थित महादलित टोला में रहने वाले लगभग 500 लोगों की जिंदगी कचरा चुनने, नालों की सफाई करने की बदौलत चल रही है।
किला परिसर स्थित एएसपी कार्यालय के साथ बसा महादलित टोला में रहने वालों की जिंदगी नर्क से बदतर हो रही है। शराबबंदी के बाद कई बार पुलिस ने इस जगह से छापेमारी कर देसी शराब, पाउच, मसालेदार शराब बरामद की है। वहीं शराब के साथ दर्जनों पुरुष और महिलाओं की भी गिरफ्तारी की गई। जिनमें से कुछ तो बेल पर बाहर आ गए लेकिन कुछ लोग सजा काट रहे हैं।
महादलित टोला में रहने वाले लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद भी उन्हें गुजर बसर करने के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई। आज भी इनके बच्चे कूड़ा कचरा बीन कर परिवार के साथ जिंदगी जी रहे हैं।
महादलित टोला निवासी गरीब मांझी ने बताया कि महादलित टोला में लगभग 300 लोगों की आबादी है। वहीं बच्चों को भी जोड़ा जाए तो 500 से ज्यादा ही लोग इस इलाके में बसर कर रहे हैं। यहां के लोगों को शराबबंदी के बाद भी शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। आए दिन पुलिस छापेमारी करने आती है। वहीं शराब तस्कर और माफियाओं के साथ जहां कुछ लोग काम कर रहे हैं। लेकिन, इसका हर्जाना सभी को भुगतना पड़ रहा है। शराबबंदी होने से हमारी जिंदगी और भी कठिन हो गई है। यहां ना तो पानी की सुविधा है, ना ही रहने के लिए आवास और रोजगार की सुविधा।
वहीं महिलाओं ने कहा कि शराबबंदी के बाद इस साल ठंड में डीएम और एसपी के द्वारा महादलित टोला के लोगों को राशन कार्ड दिया गया। इसके बाद हर परिवार को कंबल देने के बदले मात्र कुछ लोगों को एक-एक कंबल का वितरण किया गया। साथ ही कहा कि यहां के लोगों के रोजगार के लिए सरकार को कोई ठोस कदम ऊठना चाहिए।
इधर, इस संबंध में हरिशंकर कुमार, एएसपी सदर मुंगेर ने बताया कि शराबबंदी के बाद महादलित टोला में पुलिस की छापेमारी के दौरान कई बार देसी और विदेशी शराब बरामद किया गया है। वहीं इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई करने के बाद अब यहां शराब की बिक्री में कमी आई है। पुलिस की कार्रवाई होने के बाद से महादलित टोला में रहने वालों में डर पैदा हुआ है।